इंटरग्लोब एविएशन (Interglobe Aviation) के शेयरों में आज यानी 26 मई को 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है। बता दें कि Interglobe Aviation ही देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन करती है।
इंटरग्लोब एविएशन (Interglobe Aviation) के शेयरों में आज यानी 26 मई को 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है। बता दें कि Interglobe Aviation ही देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन करती है।
मार्च तिमाही में कंपनी को ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के कारण भारी घाटा उठाना पड़ा है। कंपनी ने सूचित किया है कि वह मुनाफे में आने के लिए किराए में बढ़ोतरी की योजना पर काम कर रही है। इस खबर के आने के बाद आज यह शेयर बीएसई पर 10 फीसदी की तेजी के साथ 1,808.50 रुपये का स्तर छूता नजर आया। फिलहाल 12:12 बजे के आसपास यह शेयर 94.45 रुपये यानी 5.74 फीसदी की बढ़त के साथ 1,740.10 रुपये पर नजर आ रहा है।
इंटरग्लोब एविएशन के सीईओ रोनोजॉय दत्ता (Ronojoy Dutta) ने कहा है कि इस समय मुनाफे में लौटाना कंपनी की पहली प्राथमिकता है। गौरतलब है कि 25 मई को कंपनी ने 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं जिसके मुताबिक इस अवधि में एयरक्राफ्ट ईंधन पर होने वाले खर्च में बढ़ोतरी के चलते कंपनी का कंसोलिडेटेड घाटा बढ़कर 1681.80 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जबकि कंपनी ने इसके पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 1141.98 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। वहीं, Bloomberg के एक पोल में अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में InterGlobe Aviation को 8000.30 करोड़ रुपये की आय पर 978.30 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है।
इस अवधि में कंपनी की आय सालाना आधार पर 29 फीसदी की बढ़त के साथ 8,020.75 करोड़ रुपये पर रही है जो कि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 6222.95 करोड़ रुपये पर रही थी। चौथी तिमाही में सालाना आधार पर ईंधन पर होने वाला खर्च 68 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 3220.58 करोड़ रुपये पर आ गया है जो कि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1914.46 करोड़ रुपये पर रहा था।
सालाना आधार पर चौथी तिमाही में कंपनी का एबिटडा 551.40 करोड़ रुपये से घटकर 37.80 करोड़ रुपये पर आ गया है। इस अवधि में सालाना आधार पर कंपनी की एबिटडा में 93 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। साल -दर-साल आधार पर चौथी तिमाही में कंपनी का एबिटडा मार्जिन 8.86 फीसदी से घटकर 0.47 फीसदी पर आ गया है।
Kotak Institutional Equities ने IndiGo पर जारी अपने नोट में कहा है कि कंपनी को चौथी तिमाही में कमजोर मैक्रो के चलते भी घाटा उठाना पड़ा है। कंपनी किराया बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। आगे कंपनी को उसके मजबूत नेटवर्क कवरेज और अच्छे प्रबंधन का फायदा मिलेगा। वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही से कंपनी को फायदा दिखाना शुरु होगा।
हालांकि Kotak Institutional Equitiesने निवेशकों के लिए अलर्ट जारी करते हुए यह भी कहा है कि आने वाले समय में हमें कंपनी को टाटा ग्रुप की एयर इंडिया, आकासा और जेट एयरवेज 2.0 से चुनौती मिलती नजर आ सकती है जिससे IndiGo के मार्केट शेयर में गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके अलावा वर्तमान जियोपॉलिटिकल तनाव के कारण ईंधन की बढ़ती कीमतें कंपनी के मुनाफे पर दबाव बनाने का काम कर सकती हैं।
एक दूसरे ब्रोकरेज हाउस JM Financial का कहना है कि एविएशन सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए आगे इस स्टॉक पर दबाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मार्जिन में गिरावट नजर आ सकती है। इसके अलावा राकेश गंगवाल द्वारा अगले 5 सालों में अपनी 36.6 फीसदी हिस्सेदारी में कटौती करने के फैसले से भी स्टॉक पर दबाव बनेगा।
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