आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट पर बड़ी संख्या में लोग अपना टिकट बुक कराते हैं। इस पर यूजर्स की डिटेल मौजूद रहती है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर मौजूद डिजिटल डेटा के जरिये आमदनी बढ़ाने के लिए IRCTC ने अब वेबसाइट यूजर्स का डेटा बेचने का फैसला किया है। इसके लिए कंपनी ने टेंडर भी जारी किया है।
इस खबर पर डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ की दीपाली नंदा ने सूत्रों के हवाले से कहा कि अब IRCTC डेटा मोनेटाइजेशन करने जा रही है। इसके तहत IRCTC वेबसाइट यूजर्स का डेटा बेचेगी। कंपनी का डेटा मोनेटाइजेशन के जरिए कमाई बढ़ाने का लक्ष्य है। कमाई बढ़ाने के लिए डेटा मोनेटाइजेशन को लेकर कंपनी ने टेंडर भी जारी किया है।
दीपाली ने कहा कि रेलवे के ज्यादातर टिकट आईआरसीटीसी के जरिये बुक किये जाते हैं। ट्रेन टिकट बुकिंग में आईआरसीटीसी की मोनोपोली है। लिहाजा कंपनी की वेबसाइट पर बड़ी मात्रा में यूजर्स का डिजिटल डेटा उपलब्ध है। जितना बड़ा डेटा बेस आईआरसीटीसी के पास उपलब्ध है शायद ही उतना बड़ा डेटा बेस किसी और कंपनी के पास उपलब्ध होगा। इसलिए इससे अपनी कमाई बढ़ाने के लिए डेटा को मोनेटाइज करने का फैसला कंपनी ने किया है।
सूत्रों के मुताबिक टेंडर के तहत एजेंसी या कंपनी IRCTC से यूजर्स डेटा ले सकेंगी। इसके तहत आईआरसीटीसी द्वारा ट्रैवलिंग पैटर्न, हिस्ट्री और लोकेशन से जुड़ा डेटा शेयर किया जायेगा। ऐसा करते समय भी IT एक्ट के तहत यूजर्स की वित्तीय निजता का ख्याल रखा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि डेटा मोनेटाइजेशन के तहत यूजर्स के बैंक और ट्रांजैक्शन का डेटा शेयर नहीं किया जायेगा।
लेकिन कोई यूजर्स कितनी बार कहां गया और कितने समय तक रुका। इस तरह के ट्रैवलिंग पैटर्न, हिस्ट्री और लोकेशन से जुड़े डेटा को पाने के लिए होटल इंडस्ट्री, ट्रैवेल एजेंसी और फार्मा कंपनियां अपनी रुचि दिखा सकती हैं। अपने बिजनेस प्रॉस्पेक्टल के लिए ये कंपनियां इन डेटा का उपयोग कर सकती हैं।
हालांकि सूत्रों से ये भी पता चलता है नियमों के मुताबिक यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या अन्य किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन की जानकारी किसी के साथ भी साझा नहीं की जायेगी।