1 जुलाई को खत्म हुए पूरे हफ्ते में बाजार कंसोलीडेशन के मोड में रहा। भारी उतार-चढ़ाव के बीच इस हफ्ते बाजार हल्की बढ़त के साथ बंद हुआ है। गिरता रुपया, एफआईआई की लगातार बिकवाली, जून महीने के मजबूत ऑटो बिक्री आंकड़े, दूसरा सबसे बड़ा मासिक जीएसटी कलेक्शन आंकड़ा, मिले-जुले ग्लोबल संकेत और डाओ जोंस के 1962 के बाद का सबसे खराब हफ्ता रहना, ये सब इस हफ्ते के हाईलाइट्स रहे।
हफ्ते के अंत में Sensex 179.95 अंक यानी 0.34 फीसदी की बढ़त के साथ 52907.93 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, Nifty 52.75 अंक यानी 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ 15752 के स्तर पर बंद हुआ है। हालांकि जून महीने में सेंसेक्स 4.5 फीसदी की गिरावट के साथ और निफ्टी 4.8 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है।
पिछले हफ्ते BSE स्मॉल-कैप 1 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ है। Dhanvarsha Finvest, Yaari Digital Integrated Services,Shalimar Paints, Steel Exchange India,Orient Bell, GRM Overseas और Rajratan Global जैसे स्मॉलकैप शेयरों में 20-57 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। जबकि Gayatri Projects, Future Lifestyle Fashions, Future Supply Chain Solutions, Elgi Equipments, Asian Granito India, DB Realty, SEPC और Johnson Controls -Hitachi Air Conditioning India में 10-14 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
1 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में BSE मिड-कैप 0.26 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ है। Rajesh Exports, TVS Motor Company, 3M India, REC, Bayer CropScience, Muthoot Finance, The Ramco Cements और Abbott India मिड कैप के टॉप गेनरों में रहे।
पिछले हफ्ते BSE लार्ज कैप भी 0.5 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। Adani Transmission, Bosch, Petronet LNG, ITC, Hindalco Industries और Adani Green Energy लॉर्ज कैप के टॉप गेनर रहे।
BSE Sensex पर नजर डालें तो पिछले हफ्ते ITC के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली। इसके बाद Infosys, State Bank of India और Larsen & Toubro की नंबर रहा। वहीं, RIL के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है।
अगल-अलग सेक्टर की बात करें तो पिछले हफ्ते निफ्टी के FMCG इंडेक्स में 2.5 फीसदी, मेटल इंडेक्स में 2 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स में 2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। वहीं, दूसरी तरफ निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑयल एंड गैस और पीएसयू बैंक इंडेक्स में 0.5 फीसदी से 1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
पिछले हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में 6,836.71 करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि इसी अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 5,926.47 करोड़ रुपये की खरीदारी की। वहीं जून महीने में एफआईआई की तरफ से 58,112.37 बिकवाली देखने को मिली है जबकि DIIs की तरफ से 46,599.23 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
इस हफ्ते भी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट जारी रही। पहली बार डॉलर के मुकाबले रुपये ने 79 का स्तर पार कर लिया और इसने 79.11 का नया रिकॉर्ड लो छुआ। हफ्ते के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया साप्ताहिक आधार पर 70 पैसे की गिरावट के साथ 79.04 के स्तर पर बंद हुआ है। बता दें कि 24 जून को डॉलर के मुकाबले रुपया 78.34 के स्तर पर बंद हुआ था।
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