देश के लीडिंग प्राइवेट बैंक यस बैंक ने अपने MCLR रेट में बढ़ोतरी की है। MCLR को मार्जिनल कास्ट ऑफ लेंडिंग रेट के नाम से जानते हैं। यह लोन पर लागू ब्याज को निर्धारित करने में अहम भूमिका अदा करता है। यस बैंक के बढ़े MCLR रेट प्रभावी हो चुके हैं। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अपने रेपो रेट को बढ़ाकर 4.90 फीसदी करने के लगभग एक महीने बाद यस बैंक ने अपने MCLR रेट में बढ़ोतरी की है। यह बढ़े रेट 1 जुलाई से लागू हो चुके हैं।
इस बढ़ोतरी का मतलब यह है कि यस बैंक के नए और पुराने कर्जदारों की ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा हम लोन, व्हीकल लोन और मार्जिनल कास्ट से संबंधित किसी दूसरे लोन के EMI में भी बढ़ोतरी होगी। MCLR में यह बढ़ोतरी आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने का सीधा असर है। क्योंकि रेपो रेट में किसी बढ़ोतरी के बैंकों के मार्जिनल कास्ट में बढ़ोतरी होती है। जिसको देखते हुए बैंकों को अपने MCLR में भी बढ़ोतरी करनी पड़ती है।
यस बैंक के ओवरनाइट लोन के लिए अब नया MCLR बढ़कर 7.60 फीसदी हो गया है। वहीं, 1 महीने के लिए ये 7.90 फीसदी 3 महीने के लिए 8.25 फीसदी है। 6 महीने के लिए 8.70 फीसदी और 1 साल के लिए ये 8.95 फीसदी हो गया है। 1 जून 2022 से प्रभावी यस बैंक का बेस रेट 8.75 फीसदी है और 26 जुलाई 2011 से प्रभावी इसका बीपीएलआर 19.75 फीसदी है।
बता दें की MCLR बढ़ाने से ग्राहकों को नुकासान होता है। उनका मौजूदा लोन महंगा हो जाता है और पहले के मुकाबले ज्यादा ईएमआई देनी होती है। जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को बेस रेट कहा जाता है। इसी बेस रेट की जगह बैंक अब एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना धन राशि की सीमांत लागतस आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात के बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है।