Mutual fund SIP: म्यूचुअल फंड SIP से जुड़े 5 मिथक, क्या आप भी करते हैं इन पर भरोसा?
Mutual fund SIP: SIP लंबी अवधि की मजबूत निवेश स्ट्रैटेजी है, लेकिन इससे जुड़े कई मिथक रिटर्न को प्रभावित कर देते हैं। जानें SIP की पांच सबसे आम गलतफहमियां और उनकी असली सच्चाई, ताकि आपका निवेश बेहतर और सुरक्षित दिशा में बढ़ सके।
कई नए निवेशक सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे या लोगों के सुझाए फंड्स में तुरंत SIP शुरू कर देते हैं।
Mutual fund SIP: म्यूचुअल फंड में SIP (Systematic Investment Plan) लंबी अवधि में बड़ा बनाने का सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका माना जाता है। इसके जरिए हर महीने छोटी-छोटी रकम लगाकर बड़ा फाइनेंशियल गोल हासिल किया जा सकता है। इसके लिए यह तरीका निवेशकों के बीच काफी मशहूर है।
लेकिन इसके बावजूद SIP से जुड़े कई मिथक अब भी लोगों के बीच फैलते रहते हैं। ये मिथक न सिर्फ गलत फैसले करवाते हैं, बल्कि लंबे समय में रिटर्न पर भी असर डालते हैं। आइए SIP के कुछ बड़े मिथकों और उनकी सच्चाई को समझते हैं।
मिथक 1: SIP हमेशा शानदार रिटर्न देती है
कई नए निवेशकों को लगता है कि SIP शुरू करते ही रिटर्न अपने आप अच्छे मिलने लगेंगे। उन्हें भरोसा होता है कि SIP हर साल स्थिर और हाई रिटर्न देगी। सोशल मीडिया और फिनफ्लुएंसर्स की बढ़ी-चढ़ी बातों ने इस गलतफहमी को और बढ़ाया है। जैसे कि 'SIP जल्दी से करोड़पति बना देगी।' लेकिन सच इससे अलग है।
सच्चाई: SIP समय, अनुशासन और सही फंड की मांग करती है। इसके रिटर्न मार्केट और फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं। अगर फंड की स्ट्रैटेजी कमजोर है या वह लगातार खराब प्रदर्शन कर रहा है, तो SIP भी अच्छे रिटर्न नहीं दे पाएगी। SIP बस इतना करती है कि मार्केट के अलग-अलग स्तरों पर आपका निवेश फैला देती है जिससे रिस्क थोड़ा कम होता है। SIP के अच्छे रिजल्ट इन तीन चीजों पर निर्भर करते हैं:
सही अवधि: कम समय में बड़ा रिटर्न मिलना मुश्किल है। असली वैल्यू 7, 10 या 15 साल में बनती है।
सही समय: रेगुलर निवेश जरूरी है, लेकिन गलत फंड में SIP शुरू करना आपके रिजल्ट बिगाड़ देता है।
सही कैटेगरी: हर निवेशक के लिए हर कैटेगरी सही नहीं होती। अपने रिस्क प्रोफाइल के हिसाब से कैटेगरी चुनना जरूरी है।
मिथक 2: हर पॉपुलर फंड में SIP शुरू कर देनी चाहिए
कई नए निवेशक सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे या लोगों के सुझाए फंड्स में तुरंत SIP शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि ज्यादा फंड मतलब ज्यादा रिटर्न। इसी वजह से कई लोगों के पोर्टफोलियो में 8-10 फंड होते हैं, जिनके बारे में वे खुद नहीं जानते। यह तरीका गलत है और रिटर्न को नुकसान पहुंचा सकता है।
सच्चाई: SIP तभी फायदेमंद होती है जब आपका पूरा पोर्टफोलियो आपके फाइनेंशियल गोल, रिस्क कैपेसिटी और जरूरत के हिसाब से बना हो। हर ट्रेंडिंग फंड में SIP शुरू करने से न रिटर्न बढ़ेगा, न रिस्क कम होगा। उलटा पोर्टफोलियो भारी और बेतरतीब हो जाता है।
अगर आप एक ही कैटेगरी की 3-4 मिड-कैप फंड में SIP कर रहे हैं, तो आप एक ही तरह के स्टॉक बार-बार खरीद रहे हैं। यह डाइवर्सिफिकेशन नहीं, सिर्फ डुप्लीकेशन है। अपने फाइनेंशियल गोल के मुताबिक फंड कैटेगरी चुनें और 3-5 अच्छे फंड का एक संतुलित कॉम्बिनेशन बनाएं। जैसे कि large-cap, flexi-cap, mid-cap या hybrid।
मिथक 3: SIP शुरू कर दी, तो कभी बंद नहीं करनी चाहिए
कई निवेशकों को लगता है कि SIP को बीच में रोकना गलत है और इससे रिटर्न कम हो जाएंगे। लेकिन जीवन हमेशा एक जैसा नहीं चलता। जैसे कि आय घट सकती है, नौकरी बदल सकती है, नए खर्च आ सकते हैं।
सच्चाई: आप अपनी परिस्थिति के हिसाब से कभी भी SIP रोक सकते हैं, बदल सकते हैं या बंद कर सकते हैं। SIP कोई अनुबंध नहीं है। यह एक लचीली सुविधा है। आज ज्यादातर म्यूचुअल फंड कंपनियां SIP पॉज सुविधा देती हैं। इससे आप कुछ महीनों के लिए SIP रोककर बाद में आसानी से दोबारा शुरू कर सकते हैं।
अगर फंड का प्रदर्शन गिर रहा है या आपकी स्ट्रैटेजी बदल गई है, तो SIP बंद करके किसी बेहतर फंड में नई SIP शुरू करना बिल्कुल सही है।
मिथक 4: बाजार गिरते ही SIP रोक देनी चाहिए
कई लोग सोचते हैं कि अगर SIP कुछ महीनों तक खराब रिटर्न दे रही है या बाजार गिर रहा है, तो SIP रोक देना ही सुरक्षित विकल्प है। NAV गिरते ही लोग घबरा जाते हैं।
सच्चाई: SIP के लिए बाजार गिरने का समय नुकसान नहीं, बल्कि बड़ा मौका है। गिरावट में आपको ज्यादा यूनिटें कम कीमत पर मिलती हैं। यही कॉस्ट एवरेजिंग है। NAV 100 है तो 5000 में आपको 50 यूनिट मिलेंगी। NAV 80 हो जाए, तो वही 5000 में 62.5 यूनिट मिलेंगी।
लंबी अवधि में यही अतिरिक्त यूनिट आपके रिटर्न को मजबूत बनाती हैं। SIP इस सिद्धांत पर काम करती है कि बाजार हमेशा ऊपर-नीचे होते हैं। उतार-चढ़ाव में ही SIP असली फायदा देती है। हर बार गिरावट में SIP रोक देंगे, तो सस्ते यूनिट खरीदने का मौका खो देंगे। अगर फंड सही है, तो SIP को चलते रहने देना ही सबसे बेहतर तरीका है।
मिथक 5: SIP एक प्रोडक्ट है, कोई भी SIP कर लो
कुछ लोगों को लगता है कि SIP खुद एक निवेश प्रोडक्ट है, जैसे बैंक FD। इस गलतफहमी के कारण लोग बिना रिसर्च किए किसी भी फंड में SIP शुरू कर देते हैं।
सच्चाई: SIP कोई प्रोडक्ट नहीं, बल्कि निवेश करने का तरीका है। असली निवेश उस फंड में होता है जिसमें आप SIP चला रहे हैं। अगर फंड की गुणवत्ता खराब है, स्ट्रैटेजी कमजोर है या प्रदर्शन अस्थिर है, तो SIP अच्छे रिटर्न नहीं दे पाएगी।
इसलिए SIP शुरू करने से पहले यह देखना जरूरी है कि फंड स्थिर और अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रखता हो, तजुर्बे वाले फंड मैनेजर के पास हो, स्पष्ट निवेश रणनीति रखता हो, और आपके रिस्क प्रोफाइल के हिसाब से सही हो। SIP तभी सफल होती है जब फंड खुद मजबूत हो।
Disclaimer:यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।