शिक्षा में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा पाने के लिए एजुकेशन लोन एक आवश्यक साधन बन गया है, परन्तु इसका सही प्रबंधन न होने पर यह भारी आर्थिक बोझ बन सकता है। अगर आप या आपके परिवार में कोई शिक्षा ऋण लेकर पढ़ाई कर रहा है, तो कुछ कम जानी-पहचानी लेकिन महत्वपूर्ण रणनीतियों को अपनाकर आप इस कर्ज के बोझ को कम कर सकते हैं।
सबसे पहले, अपनी मासिक आय का एक हिस्सा एजुकेशन लोन की ईएमआई के लिए निश्चित करें और इसे पहले से बजट में शामिल करें। पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद से ही ईएमआई चुकाना शुरू करें, जिससे ब्याज की कुल राशि कम होगी। अगर आप पढ़ाई के दौरान अपने ब्याज की किश्तें चुका पाते हैं, तो यह भविष्य में ऋण की कुल लागत को काफी घटा देता है।
ऋणदाताओं से बातचीत करके loan restructuring या deferment योजना के बारे में जानें ताकि किसी आपात स्थिति में आपको राहत मिल सके। एजुकेशन लोन पर मिलने वाले टैक्स लाभों का भी पूरा लाभ उठाएं; आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत आप ब्याज पर टैक्स छूट पा सकते हैं, जिससे वित्तीय दबाव कम होता है।
आपके लिए सही ऋणदाता चुनना भी बहुत जरूरी है। कुछ बैंक बेहतर ब्याज दरें और सुविधाएं प्रदान करते हैं, जो आपकी कुल ऋण लागत को कम करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, यदि संभव हो तो अतिरिक्त भुगतान कर लोन की अवधि कम करें ताकि ब्याज में बचत हो।
अपने खर्चों को नियंत्रण में रखें, और लोन की समय पर वसूली के लिए ऑटो-डिबिट या ECS सुविधा का लाभ लें। हर महीने अपने खर्च और ईएमआई की स्थिति की जांच करते रहें ताकि किसी भी देरी या संभव डिफॉल्ट से बचा जा सके।
इन सुझावों को अपनाकर आप एजुकेशन लोन के आर्थिक बोझ को कम कर सकेंगे, अपनी और अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकेंगे।