SEBI ने अप्रैल 2025 से स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) शुरू किए हैं, जो पारंपरिक म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के बीच एक मध्यवर्ती निवेश विकल्प है। ये फंड उन्नत निवेश रणनीतियों के साथ ज्यादा लचीलापन प्रदान करते हैं और खासकर अनुभवी निवेशकों और हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) के लिए बनाए गए हैं।
SIF उन निवेशकों के लिए हैं जो कम से कम 10 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं। ये फंड लंबी अवधि की निवेश रणनीति अपनाते हैं, जैसे कि इक्विटी लॉन्ग-शॉर्ट, सेक्टर रोटेशन, एक्टिव एसेट अलोकेशन आदि। SEBI ने इसे म्यूचुअल फंड और PMS के बीच की खाई को भरने के लिए लाया है ताकि निवेशकों को अधिक विकल्प और पारदर्शिता मिले।
- SIF में निवेशक अंशधारक होते हैं और फंड मैनेजर द्वारा प्रोफेशनल तरीके से प्रबंधित किया जाता है।
- ये फंड खुली या सीमित अवधि के हो सकते हैं।
- इसमें डेरिवेटिव्स के जरिए 25% तक की अनहैज्ड शॉर्ट पोजीशन लेने की अनुमति मिलती है, जिससे बाजार में ऊपर और नीचे दोनों तरह के उतार-चढ़ाव में लाभ कमाने का मौका होता है।
- निवेश से पहले न्यूनतम राशि ₹10 लाख होती है, लेकिन मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए कुछ छूट हो सकती है।
- SIF उच्च जोखिम सहने वाले निवेशकों को विविध और परिष्कृत निवेश रणनीतियां प्रदान करता है।
- पारंपरिक म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा लचीलापन और संभावित उच्च रिटर्न।
- प्रोफेशनल मैनेजमेंट के साथ निवेशकों को बेहतर जोखिम प्रबंधन का लाभ।
- SEBI के कड़े नियमों के तहत संचालित होने के कारण पारदर्शिता और सुरक्षा मिलती है।
- SIF में निवेश में उच्च जोखिम होते हैं और यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं है।
- इसमें निवेशक को बाजार की जटिलताओं और उतार-चढ़ाव को समझना जरूरी है।
- निवेश की न्यूनतम राशि अधिक होने के कारण यह आम निवेशकों के लिए नहीं है।
स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) नए जमाने के अनुभवी निवेशकों के लिए एक उन्नत विकल्प प्रदान करता है, जो पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स और PMS के बीच की खाई को पाटता है। यदि आप जोखिम उठा सकते हैं और उच्च रिटर्न की तलाश में हैं, तो SIF आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। हालांकि, यह निवेश समझदारी और अच्छी जानकारी के साथ ही करना चाहिए।
SIF भारतीय निवेश परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ रहा है और निवेशकों को नए अवसर तथा बेहतर नियंत्रण का मौका दे रहा है।