पावर उत्पादक कंपनियों में नई तेजी देखने को मिल रही है। पावर कंपनियों को उम्मीद है कि समर सीजन में पावर की बढ़ती डिमांड के चलते उनके रेवेन्यू में अच्छी बढ़त देखने को मिलेगी। बता दें कि Adani Power,Tata Power और JSW Energy जैसी अधिकांश यूटिलिटीज अपने कुल उत्पादन का एक छोटा हिस्सा शॉर्ट टर्म मार्केट में मर्चेंट बेसिस पर बेचती हैं। इस पर उनको मांग बढ़ने के दौरान तुलनात्मक रुप से बेहतर रिटर्न मिलता है।
इन कंपनियों को उम्मीद है कि इस समर सीजन में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उनको मर्चेंट बेसिस पर शॉर्ट टर्म सेल करने का अच्छा मौका मिलेगा जिससे उनकी आय में अच्छी बढ़ोतरी होगी।
इस बार मिड मार्च से ही पूरे देश में जोरदार गर्मी पड़ती दिखी है। इसके साथ ही देश में पावर की डिमांड भी बढ़ी है और मांग आपूर्ति का अंतर बढ़ता नजर आया है। ऐसी स्थिति में पावर जनरेशन कंपनियों की मुनाफाखोरी को रोकने के लिए सेंट्रल रेगुलेटर, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन ने एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाले प्रति यूनिट बिजली पर 12 रुपये का कैप लगा रखा है जो कि पहले 20 रुपये प्रति यूनिट था।
इस 12 रुपये प्रति यूनिट कैप के बावजूद अगर कंपनियां गर्मियों में इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मर्चेंट बेसिस पर शॉर्ट टर्म की बिक्री बड़ी मात्रा में करती है तो भी उनको लॉन्ग टर्म पावर पर्चेजमेंट एग्रीमेंट के तहत की जाने वाली बिक्री की तुलना में काफी ज्यादा फायदा होगा।
पावर सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे चलकर बिजली संकट और बढ़ता नजर आ सकता है क्योंकि कोयले की इंवेंट्री कम होती जा रहा है। पावर सेक्टर के जानकारों का यह भी कहना है कि चौथी तिमाही में पावर जनरेशन कंपनियों के रेवेन्यू में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है और इनका कैश फ्लो भी बेहतर हो सकता है।
वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में पावर जनरेशन कंपनियों के नतीजे मजबूत रहने के उम्मीद में भी इस सेक्टर की कंपनियों में आज तेजी देखने को मिली है। इसके अलावा सरकार ने पावर सेक्टर के लिए कई सुधार, योजनाएं शुरु की हैं। इससे भी इस सेक्टर को सपोर्ट मिल रहा है।
गौरतलब है कि 2022 में अब तक Adani Power में 133 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है जबकि Adani Green Energy में 65 फीसदी, Adani Transmission में 42 फीसदी, Tata Power Co में 24 फीसदी , NTPC में 24 फीसदी, Power Grid Corp Of India में 17 फीसदी, JSW Energy में 13 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं इस दौरान बीएसई का पावर इंडेक्स 28 फीसदी भागा है।