29 मार्च को सेंसेक्स-निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए थे लेकिन कई शुगर शेयर पर बिकवाली का दबाव देखने को मिला था। इस सेक्टर ने इस कैलेंडर ईयर अब तक काफी अच्छी तेजी दिखाई है। 2022 में अब तक शुगर सेक्टर के 6 ऐसे स्टॉक रहें है जिन्होंने 3 महीने में 30 फीसदी से ज्यादा की तेजी दिखाई है। इनमें भी Ugar Sugar मल्टीबैगर स्टॉक साबित हुआ है। यहां हमने अपने विश्लेषण में सिर्फ उन स्टॉक को शामिल किया है जिनकी मार्केट कैप 500 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
बाजार जानकारों का कहना है कि ईंधन में एथेनॉल मिलाने पर सरकार के फोकस से शुगर स्टॉक्स को सपोर्ट मिल रहा है। आइए हम इन स्टॉक्स पर डालते है एक नजर।
Ugar Sugar Works Ltd | यह स्टॉक्स 31 दिसंबर 2021 के 30.10 रुपये से बढ़कर 29 मार्च 2022 को 75.60 रुपये पर आ गया। इस अवधि में इस स्टॉक में 151 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
Dwarikesh Sugar Industries Ltd । यह स्टॉक्स 31 दिसंबर 2021 के 71.40 रुपये से बढ़कर 29 मार्च 2022 को 121.20 रुपये पर आ गया। इस अवधि में इस स्टॉक में 70 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
Mawana Sugars Ltd | यह स्टॉक्स 31 दिसंबर 2021 के 78.95 रुपये से बढ़कर 29 मार्च 2022 को 131.75 रुपये पर आ गया। इस अवधि में इस स्टॉक में 67 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
Triveni Engineering & Industries Ltd | यह स्टॉक्स 31 दिसंबर 2021 के 221.20 रुपये से बढ़कर 29 मार्च 2022 को 312.20 रुपये पर आ गया। इस अवधि में इस स्टॉक में 41 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
आगे कैसे रह सकती है शुगर शेयरों की चाल
Prabhudas Lilladher के विक्रम कसाट का कहना है कि भारत एक शुगर सरप्लस कंट्री है और सरकार द्वारा ईंधन में एथेनॉल ब्लेडिंग पर फोकस इस सेक्टर के लिए बड़ा ग्रोथ ड्राइवर है। इसके अलावा शुगर सेक्टर को काफी बड़े एक्सपोर्ट ऑर्डर भी मिले है जिसके हाल के दिनों में शुगर शेयर जोश में भी नजर आए है। लगभग हर कंपनी ने सरकार की एथेनॉल नीति से प्रभावित होकर अपनी क्षमता विस्तार योजना बनाई है। इस बीच रूस-यूक्रेन के लड़ाई के कारण शुगर स्टॉक को जबरदस्त सपोर्ट मिला है क्योंकि भारत इस लड़ाई के चलते पश्चिमी एशिया, पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया को शुगर सप्लाई करने वाला बड़ा देश बनकर उभरा है। क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़त के चलते ब्राजील में गन्ने का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में एथेनॉल बनाने के लिए किया जा रहा है जिससे भारत के शुगर एक्सपोर्ट को बल मिल रहा है। इसके अलावा माल भाड़े में भारी उतार-चढ़ाव की वजह से खाड़ी क्षेत्र के देशों के लिए भारत शुगर आपूर्ति के लिए ज्यादा आर्कषक हो गया है। क्योंकि भारतीय कॉर्गो शिप 1 हफ्ते से 10 दिन की छोटी अवधि में भी इन देशों तक पहुंच सकते है।