शुगर शेयरों ने अब तक कराई जोरदार कमाई, एक्सपर्ट्स का कहना है आगे भी कायम रहेगा जोश, जानें क्यों?

सरकार 2025 तक ईंधन में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाना चाहती है जबकि वर्तमान में यह अनुपात 8 फीसदी का है.

अपडेटेड Mar 30, 2022 पर 11:02 AM
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लिखिता क्षेपा का कहना है कि शुगर इंडस्ट्री की ग्रोथ में इंडस्ट्रियल डिमांड और एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी दोनों का योगदान रहा है.

कल यानी 29 मार्च 2022 के कारोबार में बाजार में तेजी के बावजूद कई शुगर शेयरों में बिकवाली देखने को मिली थी। हालांकि इस सेक्टर ने इस कैलेंडर ईयर में अब तक काफी अच्छी तेजी दिखाई है। 2022 में अब तक शुगर सेक्टर के 6 ऐसे स्टॉक रहें है जिन्होंने 3 महीने में 30 फीसदी से ज्यादा की तेजी दिखाई है। इनमें भी Ugar Sugar मल्टीबैगर स्टॉक साबित हुआ है। यहां हम मार्केट सेक्सपर्ट्स से ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आगे के लिए शुगर शेयरों का आउटलुक कैसा है।

Prabhudas Lilladher के विक्रम कसाट (Vikram Kasat) का कहना है कि भारत एक शुगर सरप्लस कंट्री है और सरकार द्वारा ईंधन में एथेनॉल ब्लेडिंग पर फोकस इस सेक्टर के लिए बड़ा ग्रोथ ड्राइवर है। इसके अलावा शुगर सेक्टर को काफी बड़े एक्सपोर्ट ऑर्डर भी मिले हैं जिसके चलते हाल के दिनों में शुगर शेयर जोश में नजर आए हैं। लगभग हर कंपनी ने सरकार की एथेनॉल नीति से प्रभावित होकर अपनी क्षमता विस्तार योजना बनाई है। इस बीच रूस-यूक्रेन के लड़ाई के कारण शुगर स्टॉक को जबरदस्त सपोर्ट मिला है क्योंकि भारत इस लड़ाई के चलते पश्चिमी एशिया, पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया को शुगर सप्लाई करने वाला बड़ा देश बनकर उभरा है। क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़त के चलते ब्राजील में गन्ने का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में एथेनॉल बनाने के लिए किया जा रहा है जिससे भारत के शुगर एक्सपोर्ट को फायदा मिल रहा है। इसके अलावा माल भाड़े में भारी उतार-चढ़ाव की वजह से खाड़ी क्षेत्र के देशों के लिए भारत शुगर आपूर्ति के लिए ज्यादा आकर्षक हो गया है। क्योंकि भारतीय कॉर्गो शिप 1 हफ्ते से 10 दिन की छोटी अवधि में इन देशों तक पहुंच सकते हैं।

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CapitalVia Global Research की लिखिता क्षेपा (Likhita Chepa)का कहना है कि शुगर इंडस्ट्री की ग्रोथ में इंडस्ट्रियल डिमांड और एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी दोनों का योगदान रहा है। ईंधन में एथेनॉल मिलाने के सरकार के फोकस की वजह से शुगर सेक्टर को काफी बल मिला है। शुगर बिजनेस में एथेनॉल एक बायप्रोडक्ट के तौर पर बनता है। भारत सरकार का लक्ष्य 2025 तक पेट्रोल -डीजल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने का है । ऐसे में शुगर स्टॉक्स में औऱ तेजी आने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि घरेलू बाजार में अभी डिमांड में और बढ़त की संभावना दिख रही है। हमारा मानना है कि जैसी ही घरेलू बाजार से होने वाली मांग में तेजी शुरु होगी इस सेक्टर में और ग्रोथ देखने को मिलेगी। लिखिता क्षेपा का कहना है कि निवेशकों को शुगर शेयरों में किसी गिरावट में और खरीदारी की रणनीति आपनाने चाहिए।

Reliance Securities के मितुल शाह (Mitul Shah)का कहना है कि शुगर स्टॉक के लिए सरकार का एथेनॉल ब्लेडिंग पर फोकस मेन ड्राइवर रहा है। सरकार 2025 तक ईंधन में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाना चाहती है जबकि वर्तमान में यह अनुपात 8 फीसदी का है। सरकार ऐसा करके भारत में क्रूड ऑयल का इंपोर्ट घटाना चाहती है । बता दें कि भारत वर्तमान में अपनी तेल की जरुरत का 85 फीसदी आयात से करता है। मितुल शाह का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 की अवधि में एथेनॉल की मांग में सालाना आधार पर 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी । ऐसे में उम्मीद है कि 20 फीसदी ब्लेडिंग रेट के दर पर 2025 तक देश की एथेनॉल इंडस्ट्रीज में 500 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इस अवधि में देश में एथेनॉल की मांग 1,016 करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है। इसके अलावा गन्ने का एथेनॉल बनाने के लिए बढ़ते इस्तेमाल से सरप्लस शुगर इवेंट्री की समस्या से भी निजात मिलेगी और इसकी वजह से शुगर कारोबार में आने वाले भारी उतार-चढ़ाव से छुटकारा मिलेगा।

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