Realty Stocks to BUY: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी (HSBC) ने रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर नई रिपोर्ट जारी की है। ब्रोकरेज ने इस रिपोर्ट में गोदरेज प्रॉपर्टी (Godrej Properties), डीएलएफ (DLF) और सोभा डेवलपर्स (Sobha Developers) को खरीदने की सलाह दी है। HSBC का मानना है कि इन शेयरों के भाव में 55% तक की तेजी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा उसने ओबेरॉय रियल्टी (Oberoi Realty) के शेयर को ‘Hold’ की रेटिंग दी है।
HSBC का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में नए प्रोजेक्ट लॉन्च में अच्छी रिकवरी देखने को मिल सकती है। इसका मुख्य कारण है प्री-सेल्स में बनी हुई मजबूती, हालांकि यह हाई-बेस से आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, अनसोल्ड इनवेंट्री का स्तर ठीक है। कंपनियों का लीवरेज मैनेजेबल है यानी उन पर कर्ज का बोझ नियंत्रित है। साथ ही फ्री कैश फ्लो भी मजबूत बना हुआ है। ये तीनों पहलू रियल्टी शेयरों के मोमेंटम को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
HSBC ने DLF के शेयर को 920 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ खरीदने की सलाह दी है, जो इसके शुक्रवार 6 जून के बंद भाव से करीब 14.5 फीसदी अधिक है। वहीं सोभा डेवलपर्स को इसने 1850 रुपये के साथ खरीदने की सलाह दी है, जो इसके शेयरों में शुक्रवार के बंद भाव से करीब 22 फीसदी तेजी की संभावना दिखाता है।
ब्रोकरेज ने गोदरेज प्रॉपर्टी के शेयर को 3,500 रुपये के टारगेट के साथ Buy रेटिंग दी है, जो इसमें मौजूदा स्तर से करीब 54.6 तेजी की संभावना दिखाता है। वहीं ओबेराय रियल्टी को इसने 1,790 रुपये के साथ होल्ड की रेटिंग की दी है, जो इसके लगभग मौजूदा भाव के बराबर है।
RBI के फैसलों से सेक्टर को डबल बूस्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून को जब रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की, तो रियल्टी स्टॉक्स में जोरदार तेजी देखने को मिली। Nifty Realty Index 4.68% ऊपर बंद हुआ और ये लगातार दूसरा दिन रहा जब इस सेक्टर ने शानदार प्रदर्शन किया।
इसके अलावा, आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया, जिससे बैकिंग सिस्टम में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी आएगी। इससे बैंकों के लिए फंड जुटाने की लागत घटेगी और डेवलपर्स के लिए कर्ज लेना आसान होगा।
अफॉर्डेबल और मिड-इनकम हाउसिंग को मिलेगा फायदा
प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म एनारॉक ने इस कदम को "डबल बूस्ट" बताया, खासकर अफॉर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के लिए। रेपो रेट में कटौती से होम लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे अफॉर्डेबल और मिड-इनकम हाउसिंग सेगमेंट में खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ेगी। वहीं, डेवलपर्स की फाइनेंसिंग आसान होने से प्रोजेक्ट्स की स्पीड भी बढ़ सकती है।
ग्लोबल चुनौतियां बनी रहेंगी चिंता की बात
हालांकि, Anarock ने चेतावनी दी है कि घरेलू पॉजिटिव माहौल को कुछ हद तक ग्लोबल अस्थिरता प्रभावित कर सकती है। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और टैरिफ के चलते कंस्ट्रक्शन सामग्री की लागत बढ़ी है, जो डेवलपर्स के मार्जिन और लग्जरी व कमर्शियल प्रॉपर्टी डिमांड पर असर डाल सकती है।
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