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HUL Shares: तिमाही नतीजे के बाद शेयर धड़ाम, 7% की भारी गिरावट, बेचने का संकेत या खरीदारी का मौका?

HUL Shares: एचयूएल के शेयर पांच महीने में करीब 40 फीसदी उछलकर पिछले महीने एक साल के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे थे। हालांकि अब सितंबर तिमाही के नतीजे आए तो शेयरों को करारा झटका लगा और आज धड़ाम से 7% से अधिक टूट गए। इसके शेयरों में की यह भारी गिरावट क्या बेचने का संकेत है या गिरावट को खरीदारी का मौका समझना चाहिए?

अपडेटेड Oct 24, 2024 पर 5:10 PM
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HUL Share Price: मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) के शेयर सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजे पर 7% से अधिक टूट गए।

HUL Share Price: मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) के शेयर सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजे पर 7% से अधिक टूट गए। सितंबर तिमाही में इसका मुनाफा गिर गया लेकिन रेवेन्यू में हल्की उछाल दिखी। हालांकि सुस्त वॉल्यूम ग्रोथ ने अधिक तगड़ी चोट की और मैनेजमेंट को भी नियर टर्म में रिकवरी के संकेत नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में कुछ एनालिस्ट ने इसका टारगेट प्राइस भी घटा दिया है। इन सबने मिलकर एचयूएल के शेयरों को झटका दिया और आज इंट्रा-डे में BSE पर यह 7.71 फीसदी टूटकर 2453.10 रुपये के भाव तक आ गया था। आज यह 5.83 फीसदी की गिरावट के साथ 2502.95 रुपये पर बंद हुआ है। 16 अप्रैल 2024 को यह एक साल के निचले स्तर 2170.25 रुपये पर था और पिछले महीने 23 सितंबर 2024 को एक साल के हाई 3034.50 रुपये पर था

HUL के लिए कैसी रही सितंबर तिमाही?

ब्रोकरेज का रुझान जानने से पहले जान लेते हैं कि एचयूएल के लिए सितंबर तिमाही कैसी रही। जुलाई-सितंबर 2024 में कंपनी का कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 2.4 फीसदी गिरकर 2591 करोड़ रुपये पर आ गया लेकिन रेवेन्यू 2.1 फीसदी बढ़कर 16145 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि वॉल्यूम ग्रोथ 3 फीसदी रही जबकि एनालिस्ट्स का अनुमान 5 फीसदी ग्रोथ का था। कंपनी का कहना है कि नियर टर्म में मांग में तेजी के संकेत नहीं दिख रहे हैं और मार्जिन में भी अगली दो तिमाहियों तक लगभग स्थिर रहने वाला है।


एनालिस्ट्स का क्या है रुझान?

Emkay Global ने इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार तो रखा है लेकिन टारगेट प्राइस 3400 रुपये से घटाकर 3225 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज का कहना है कि सितंबर तिमाही में महंगे कच्चे माल और शहरों में कमजोर मांग के चलते झटका लगा। हालांकि सेल्स के 3/5 हिस्सेदारी वाली होम केयर और ब्यूटी एंड वेलबीईंग पोर्टफोलियो की सेहत अच्छी दिख रही है। मैनेजमेंट ने नियर टर्म में मांग को लेकर सतर्क किया है लेकिन ब्रोकरेज को लॉन्ग टर्म में मौके दिख रहे हैं। इसकी वजह से ब्रोकरेज ने इसकी रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन नियर टर्म में दबाव को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-27 की कमाई के अनुमान में 4-5 फीसदी की कटौती की है जिसके चलते टारगेट प्राइस भी घटाया है।

घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने भी इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है और टारगेट प्राइस 3200 रुपये पर फिक्स किया है जोकि इसके पांच साल के औसतन 60x Sept 2026E P/E पर आधारित है। ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 के लिए इसके EPS के अनुमाम में 2 फीसदी की कटौती कर दी है लेकिन इसका यह भी मानना है कि विस्तृत प्रोडक्ट बॉस्केट और कई प्राइस सेगमेंट में मौजूदगी के दम पर कंपनी स्थायी तौर पर रिकवर हो जाएगी। ब्रोकरेज को रोहित जावा के नए लीडरशिप पर भरोसा है।

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