अगर आप पहली बार मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में निवेश करने जा रहे हैं तो अगले तीन साल में आपको बहुत ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। यह कहना है ICICI Prudential AMC के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर एस नरेन का। नरेन को फाइनेंशियल मार्केट का 34 का अनुभव है। मनीकंट्रोल ने रिटेल इनवेस्टर्स को ध्यान में रख उनसे कई सवाल पूछे। उनसे स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट सहित कई मसलों पर खुलकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि रिटेल इनवेस्टर्स को सिर्फ रिटर्न के पीछे भागने की जगह एसेट एलोकेशन पर फोकस करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि अभी मार्केट अपने बूम फेज में है। सिर्फ एक एरिया जिसमें बब्बल दिख रहा है, वह SME IPO है। उन्होंने यह कहा कि बाजार सस्ता नहीं रह गया है। सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स के बारे में उन्होंने कहा कि सभी पीएसयू स्टॉक्स अभी बूम फेज में हैं। दूसरे बाजारों से तुलना करने पर इंडिया एक स्ट्रक्चरल स्टोरी की तरह दिखता है। इसकी कई वजहे हैं। इनमें हमारी इकोनॉमिक ग्रोथ, कॉर्पोरेट अर्निंग्स और डेमोग्राफिक्स शामिल हैं।
नरेन ने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मार्केट सस्ता नहीं रह गया है। हम देख चुके हैं कि एक एरिया जो सबसे ज्यादा पैसा अट्रैक्ट करता है, वह ऐसा एरिया है जिसमें इनवेस्टर्स मध्यम अवधि में पैसे नहीं बनाते हैं। इसके कई उदाहरण हैं। लोगों ने 1999 में टेक फंडों में पैसे लगाए। 2007 में इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में पैसे लगाए और 2017 में स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में पैसे लगाएं। 2021 में न्यू एज कंपनियों में इनवेस्ट किए। इनमें से किसी ने मीडियम टर्म में पैसे नहीं बनाए। अब लोग एक बार फिर से स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश कर रहे हैं। सबसे बड़ा चैलेंज लोगों को इस बारे में समझाना है।
उन्होंने कहा कि मार्केट के पांच फेज होते हैं। एक फेज ऐसा होता है, जब शेयरों की कीमतें बहुत कम कीमत पर चल रही होती हैं। ऐसा तब होता है जब दुनिया में कोई बड़ी निगेटिव इवेंट होता है। 9/11 का हमला, 2008 में लीमैन ब्रदर्स क्राइसिस और हाल में कोरोना की महामारी इसके उदाहरण हैं। अगर आपने इस बस्ट फेज (Bust Phase) में निवेश किया होता तो आपने खूब कमाई की होती। इसकी वजह यह है कि तब ज्यादातर इनवेस्टर्स डरे हुए होते हैं।
बब्बल फेज में पैसे गंवाते हैं निवेशक
दूसरा फेज है, बेस्ट फेज। यह अक्सर बड़े ग्लोबल इवेंट के छह महीने बाद आता है। इस दौरान शुरुआती झटकों के बाद संभलता नजर आता है। लेकिन, शेयरों की कीमतें सस्ती होती हैं। इस फेज में भी आप काफी पैसे बना सकते हैं। उसके बाद बोरिंग फेज आता है। इस दौरान आप निवेश पर सामान्य रिटर्न कमा सकते हैं। उसके बाद आता है बूम फेज, जिसमें हर व्यक्ति बाजार में पैसे लगाने के लिए तैयार दिखता है। इस मार्केट में इनवेस्ट करने पर आप मीडियम टर्म में पैसे नहीं बनाते हैं। लेकिन, लॉन्ग टर्म में आप पैसे बनाते हैं। जिन इनवेस्टर्स ने 1999 में टेक्नोलॉजी फंड्स में निवेश किए थे, उन्होंने अगले तीन साल तक पैसे नहीं बनाए होंगे। लेकिन, अगले 10-15 साल में शानदार कमाई की होगी। आखिर में आता है बब्बल फेज (Bubble Phase), जिसमें इनवेस्ट करने पर आप पैसे गंवाते हैं।