IEX Share Price Crash: इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में आज 24 जुलाई को भारी गिरावट आई। शेयर बाजार खुलते ही इस सरकारी कंपनी के शेयरों का भाव 30% गिरकर अपनी लोअर सर्किट सीमा में पहुंच गया। इस गिरावट की इकलौती सबसे बड़ी वजह रही मार्केट कपलिंग नियम का ऐलान। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) ने जनवरी 2026 से मार्केट कपलिंग के नियम को लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस नियम को IEX के बिजनेस मॉडल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसके चलते आज इसके शेयरों को बेचने की होड़ लग गई।मार्केट कपलिंग का यह नियम क्या है? IEX को इस नियम के लागू होने से कैसे नुकसान हो सकता है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
1. क्यों लागू हो रहा मार्केट कपलिंग का नियम?
भारत में इस समय तीन मुख्य पावर एक्सचेंज हैं। इनमें IEX के अलावा पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (PXIL) और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज लिमिटेड (HPX) हैं। जैसे स्टॉक एक्चेंजों पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे हीं पावर एक्सचेंजों पर बिजली खरीद और बेची जाती हैं। लेकिन जैसे आपने देखा होगा कि स्टॉक एक्सचेजों पर एक ही शेयर की कीमत में कुछ अंतर होता है। बीएसई और एनएसई पर एक ही शेयर के दो भाव होते हैं और उनमें कुछ पैसों का अंतर होता है। वैसे ही पावर एक्सचेजों पर भी होता है। यानी हर पावर एक्सचेंज पर इलेक्ट्रिसिटी की कॉस्ट, थोड़ी ही सही लेकिन अलग है। लेकिन इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार मार्केट कपलिंग लागू करने पर विचार कर रही है।
मार्केट कंपलिंग एक मॉडल है, जिसके तहत सभी पावर एक्सचेंजों पर Buy और Sell की आने वाली बोलियों को एक जगह इकठ्ठा करके मिलाया जाता है और फिर उसके आधार पर एक समान मार्केट क्लियरिंग प्राइस (MCP) तय किया जाता है। इससे सभी पावर एक्सचेंजों पर कारोबार हो रही बिजली की एक समय में एक ही कीमत होगी।
3. IEX को इस नियम से क्यो हो सकता है नुकसान?
IEX यानी इंडियन एनर्जी एक्सचेंज देश का सबसे बड़ा पावर एक्सचेंज है। अभी बिजली की लगभग 90% ट्रेडिंग IEX के प्लेटफॉर्म से होती है। दूसरे एक्सचेंज पर ट्रेडिंग ना के बराबर होती है। लेकिन मार्केट कपलिंग आने के बाद सभी जगह एक प्राइस होने से दूसरे एक्सचेंज का भी कारोबार बढ़ेगा। नए पावर एक्सचेंज भी खुलने का भी अवसर पैदा होगा। ऐसे में कंपनी का एकाधिकार कम हो जाएगा। साथ ही इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम और रेवेन्यू में भी गिरावट आने की आशंका है, जो इसके निवेशकों को परेशान कर रहा है। इसीलिए शेयर पर दबाव है।
4. सरकार को इस नियम से क्या होगा फायदा?
मार्केट कपलिंग को सरकार भी इसलिए भी लागू करना चाहती है क्योंकि वह लंबी अवधि के मौजूदा बिजली खरीद समझौते (PPA) के चलन को कम करना चाहती है, जो आमतौर पर 25 साल तक चलते हैं। सरकार को उम्मीद है इस नियम से एक्सचेजों पर बिजली की खरीदारी बढ़ेगी। साथ ही ट्रांसमिशन लाइन का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। कंज्यूमर के नजरिए से देखें तो, मार्केट कपलिंग के नियम से बिजली की कीमतों में पारदर्शिता होगी और लंबे समय में टैरिफ में कमी आ सकती है
5. एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
ब्रोकरेज फर्म एलारा सिक्योरिटीज ने कुछ समय पहले जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि मार्केट कपलिंग के लागू होने से वित्त वर्ष 2027 तक आईईएक्स का मार्केट शेयर 84 फीसदी से गिरकर 70 फीसदी पर आ सकता है। IIFL का भी मानना है कि मार्केट कपलिंग आईईएक्स को झटका दे सकता है और वित्त वर्ष 2026 में इसका EPS (प्रति शेयर आय) 25 फीसदी गिर सकता है।
घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक मार्केट कपलिंग लागू होने से IEX के शेयरों पर दबाव दिख सकता है। चूंकि इसका मार्केट शेयर सबसे अधिक है तो मार्केट कपलिंग लागू होने से कंपनी के ग्रोथ की रफ्तार पर असर दिखेगा। कुल मिलाकर, लगभग सभी एक्सपर्ट्स इस बात पर एकमत दिख रहे हैं कि इस नियम से IEX के मार्केट शेयर में गिरावट आ सकती है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन ने IEX के शेयरों को सेल की रेटिंग दी है और इसका भाव 122 रुपये तक गिरने की आशंका जताई है।
दोपहर 3 बजे के करीब, IEX के शेयर 30 फीसदी की गिरावट के साथ 131.50 रुपये के भाव पर थे। ये इस शेयर का नया 52-वीक लो है। इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में करीब 27 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं इसका मौजूदा मार्केट कैप करीब 11,800 करोड़ रुपये है।
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