Impact of Trump victory: ट्रम्प की जीत के प्रभाव पर क्रिस वुड की राय 'भारत की ग्रोथ स्टोरी में मजबूती कायम'

क्रिस वुड की राय है कि भारत में हमें एक हेल्दी करेक्शन दिख रहा। इस करेक्शन की लीडरशिप स्मॉल-कैप कर रहा है। जेफरीज में इक्विटी रणनीति के ग्लोबल हेड ने कहा कि भारतीय बाजार में हमारे पास बहुत बड़ा घरेलू निवेश प्रवाह भी है

अपडेटेड Nov 15, 2024 पर 1:12 PM
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वुड की राय है कि विदेशियों द्वारा भारत में की जा रही बिकवाली से जुड़ी अच्छी खबर यह है कि वे किसी भी तेज करेक्शन की स्थिति में खरीदारी करने की क्षमता रखते हैं

जेफरीज के क्रिस वुड अमेरिकी चुनाव परिणामों के बाद भी भारत के प्रति बुलिश बने हुए हैं, हालांकि डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी का वैश्विक स्तर पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। क्रिस वुड का कहना है कि भारत के लिए इससे कोई बड़ा अंतर नहीं पड़ने वाला है। आगामी ट्रम्प प्रशासन के दौरान अगले पांच सालों में भारत में 6-8 फीसदी की रियल जीडीपी ग्रोथ और 10-12 फीसदी की नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ देखने को मिल सकती है।

वुड ने आगे कहा कि ट्रम्प के चुनाव ने निकट भविष्य के लिए उभरते बाजारों के लिए निगेटिव स्थितियां पैदा की हैं। ट्रंप की जीत के चलते डॉलर मजबूत हुआ है। इससे ग्लोबल मार्केट और विशेष रूप से उभरते बाजार प्रभावित हुए हैं। ट्रंप ने पहले भी कहा था कि अगर डोनाल्ड ट्रम्प जीत गए तो अमेरिकी शेयर बाजार में उछाल आएगा। अमेरिकी डॉलर में उछाल और ट्रेजरी बॉन्ड बाजार में बिकवाली होगी। ऐसा होता दिखा भी है।

वुड ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ट्रंप की जीत ने एशियाई केंद्रीय बैंकों खासकर उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों के लिए दरों में कटौती करना कठिन बना दिया है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार की कहानी अलग है क्योंकि यह आरबीआई द्वारा दरों में कटौती करने पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है। इसलिए उन्हें लगता कि ट्रंप की जीत भारत के लिए बहुत नकारात्मक नहीं है।


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भारतीय इक्विटी बाजार में विदेशी बिकवाली में तेजी पर वुड्स ने कहा कि इस साल भारतीय इक्विटी बाजार के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि घरेलू निवेश लगातार जारी है जो विदेशी बिकवाली के बावजूद बाजार को मजबूती दे रहा है। व्यक्तिगत रूप से क्रिस वुड को लगता है कि भारत में हमें एक हेल्दी करेक्शन दिख रहा है। इस करेक्शन की लीडरशिप स्मॉल-कैप कर रहे हैं। भारतीय बाजार में बहुत बड़ी मात्रा में घरेलू निवेश भी आ रहा है। दूसरी बड़ी बात यह है कि भारतीय बाजार में इक्विटी की आपूर्ति बढ़ रही है क्योंकि कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए हाई वैल्युएशन का फायदा उठा रही हैं।

वुड की राय है कि विदेशियों द्वारा भारत में की जा रही बिकवाली से जुड़ी अच्छी खबर यह है कि वे किसी भी तेज करेक्शन की स्थिति में खरीदारी करने की क्षमता रखते हैं। भारत की लॉन्ग टर्म संभावनाओं के बारे में अपना आशावादी नजरिया बनाए रखते हुए वुड ने कहा कि मंथली बेसिस पर किस्त योजना के जरिए  भारत में निवेश जारी रखना एक बहुत ही समझदारी भरा तरीका है।

 

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