एनएसई के प्रोविजनल डेटा के अनुसार, 10 जनवरी को घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 3,962 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। जबकि दूसरी ओर, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 2,255 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। ट्रेडिंग सत्र के दौरान, DII ने 14,294 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी और 10,332 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं दूसरी तरफ FII ने 10,097 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि 12,352 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। इस वर्ष के लिए अब तक, FIIs ने शुद्ध रूप से 21,353 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। जबकि DIIs ने शुद्ध रूप से 24,216 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
बाजार के अंत में, सेंसेक्स 241.30 अंक या 0.31 प्रतिशत गिरकर 77,378.91 पर बंद हुआ। निफ्टी 95 अंक या 0.40 प्रतिशत गिरकर 23,431.50 पर बंद हुआ।
निफ्टी पर टीसीएस, टेक महिंद्रा, विप्रो, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज प्रमुख बढ़त वाले स्टॉक्स रहे। जबकि श्रीराम फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, अदाणी एंटरप्राइजेज, एनटीपीसी और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख गिरावट वाले स्टॉक्स रहे।
आईटी को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
बाजार पर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.4 प्रतिशत में गिरावट ने अर्थव्यवस्था की गति पर असर डाला है। "इसके अलावा, Q3 कॉर्पोरेट नतीजे अनुमान कमजोर बने हुए हैं। जिससे निवेशकों के सेंटीमेंट्स को मदद नहीं मिल रही है। इस पर विशेष रूप से ब्रॉडर मार्केट उच्च मूल्यांकन के कारण एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली, वैश्विक बाजारों में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण भी बाजार पर भारी असर पड़ा है। उन्होंने कहा, ''डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बांड यील्ड बढ़ने के कारण भी निवेशकों के विश्वास पर भी असर पड़ा है। लेकिन आईटी सेक्टर के शुरुआती नतीजों से उम्मीद की किरण जगी है।''
नायर ने कहा कि आगे देखते हुए, कॉर्पोरेट नतीजे सुर्खियों में रहेंगे। जिसमें आईटी दिग्गजों सहित प्रमुख कंपनियां अपने तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करेंगी।
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