हाल में आई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि मुंबई के दलाल स्ट्रीट पर घरेलू निवेशकों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। दिसंबर तिमाही में भारतीय बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की होल्डिंग के बीच का अंतर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों की होल्डिंग इस समय विदेशी संस्थागत निवेशकों की होल्डिंग की तुलना में केवल 24.09 फीसदी कम है।
प्राइम डेटाबेस ग्रुप (PRIME Database Group) की इस रिपोर्ट के मुताबिक जून 2009 से अब तक के 13 साल की अवधि में भारतीय बाजार में FIIs की हिस्सेदार 16.02 फीसदी से बढ़कर 20.18 फीसदी पर आ गई है। वहीं, इसी अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 11.38 फीसदी से बढ़कर 15.32 फीसदी पर आ गई है।
इसके विपरीत 31 दिसंबर 2022 तक एनएसई पर लिस्टेड कंपनियों में प्राइवेट प्रोमोटरों की हिस्सेदारी 43.25 फीसदी के 3 साल के निचले स्तरों पर आ गई है जो 30 सितंबर 2022 को खत्म हुई तिमाही में 44.59 फीसदी पर थी।
11 कंपनियों में बढ़ी प्रोमोटरों, विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी
प्राइम डेटाबेस ग्रुप की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोमोटरों की बिकवाली के बावजूद दिसंबर तिमाही में 11 ऐसी कंपनियां रही हैं जिनमें कंपनी के प्रोमोटरों, विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों तीनों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाी है। इन कंपनियों में Natco Pharma, Vardhman Textiles, Granules India, Garware Technical Fibres, Hikal, Kaveri Seed Co,Power Mech Projects, Marksans Pharma, Bajaj Healthcare, Pitti Engineering और S.P.Apparels के नाम शामिल हैं।
इस रिपोर्ट में एक बड़े बदलाव की ओर संकेत करते हुए कहा गया है कि भारतीय बाजार में रिटेल और हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल (HNI) निवेशकों के साथ-साथ DII की हिस्सेदारी 31 दिसंबर, 2022 तक 24.44 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। बता दें 30 सितंबर को 2022 को खत्म हुए तिमाही में ये हिस्सेदारी 24.25 फीसदी थी।
दिसंबर तिमाही में घरेलू फंडों ने कहां की सबसे ज्यादा खरीद?
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि दिसंबर तिमाही में घरेलू फंडों ने सबसे ज्यादा खरीद फाइनेंशियल और इंडस्ट्रियल सेक्टर में की है। जबकि यूटिलिटीज में अपनी हिस्सेदारी घटाई है।
इंडिविजुअल स्टॉक्स पर नजर डालें तो इस अवधि में म्यूचुअल फंडों ने नायका की पैरेंट FSN E-Commerce Ventures और LTIMindtree में सबसे ज्यादा 6445 करोड़ रुपए और 4410 करोड़ रुपए की खरीदारी की है। वहीं, ICICI Bank और HCL Tech में इनकी तरफ से सबसे ज्यादा बिकवाली की गई है। इस अवधि में घरेलू म्यूचुअल फंडों ने ICICI Bank में 3670 करोड़ रुपए और HCL Tech में 3073 करोड़ रुपए की बिकवाली की है।
इस रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि दिसंबर तिमाही में इंश्योरेंस कंपनियों ने एनर्जी और एफएमसीजी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। इस अवधि में इंश्योरेंस कंपनियों की तरफ से सबसे ज्यादा खरीदारी टीसीएस ( 3579 करोड़ रुपए), रिलायंस इंडस्ट्रीज ( 3335 करोड़ रुपए) और नायका (3255 करोड़ रुपए) में की गई है।
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