Nifty Target: अगले एक साल में बस 2% बढ़ेगा निफ्टी? ब्रोकरेज ने मार्च 2026 के लिए 22850 का दिया टारगेट

Stock Markets: भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव लगातार बना हुआ है। निफ्टी-50 में इस साल अब तक 5% की गिरावट आ चुकी है। शेयर बाजार के सामने मौजूद चुनौतियों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म इनक्रीड इक्विटीज ने निफ्टी-50 के लिए अब अपना टारगेट घटाकर 22,850 कर दिया है। इनक्रीड ने यह टारगेट मार्च 2026 तक के लिए दिया है। इसका मतलब है कि ब्रोकरेज को अगले एक साल में निफ्टी के महज 2 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है

अपडेटेड Feb 25, 2025 पर 4:20 PM
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Stock Markets: ब्रोकरेज ने कहा कि बुल केस में निफ्टी 15% तक बढ़कर 26,123 पर पहुंच सकता है

Stock Markets: भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव लगातार बना हुआ है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ, ऊंचे वैल्यूएशन और ग्लोबल अनिश्चितताओं के बीच निफ्टी-50 में इस साल अब तक 5% की गिरावट आ चुकी है। शेयर बाजार के सामने मौजूद चुनौतियों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म इनक्रीड इक्विटीज ने निफ्टी-50 के लिए अब अपना टारगेट घटाकर 22,850 कर दिया है। इनक्रीड ने यह टारगेट मार्च 2026 तक के लिए दिया है। इसका मतलब है कि इनक्रीड इक्विटीज को अगले एक साल तक निफ्टी के महज 2 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।

हालांकि ब्रोकरेज ने इसके साथ एक बुल केस का भी टारगेट दिया है। ब्रोकरेज ने कहा कि बुल केस में निफ्टी अगले एक साल में 15 प्रतिशत तक बढ़कर 26,123 पर पहुंच सकता है। वहीं बियर केस में ब्रोकरेज को मौजूदा स्तरों से 8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,029 पर पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, इनक्रीड इक्विटीज ने अपनी बुल-केस होने की संभावना को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं बियर-केस होने की संभवाना को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर दिया है।

निफ्टी में अस्थिरता जारी रहने की संभावना

इनक्रीड इक्वटीज का कहना है कि ग्लोबल टैरिफ वार की आशंका और भारतीय बाजार का ऊंचा वैल्यूएशन (जो एशियाई बाजारों के 10-साल के औसत से +1 स्टैंडर्ड डेविएशन ऊपर है) निफ्टी में आगे भी उतार-चढ़ाव को बनाए रखेगा। ब्रोकरेज के अनुसार, FY26-FY27 के दौरान शुरुआती डबल-डिजिट की अर्निंग्स ग्रोथ दिखाई दे सकती है।


लार्जकैप में निवेश की सलाह

बाजार में चौतरफा करेक्शन को देखते हुए, इनक्रीड इक्विटीज ने अपने हाई-कन्विक्शन स्टॉक्स (जिन पर उन्हें सबसे अधिक भरोसा है) की लिस्ट में कुछ लार्ज-कैप स्टॉक्स को शामिल किया है। वहीं, कुछ मिड-कैप स्टॉक्स को भी जगह दी गई है, जिनकी कमाई की संभावनाएं सुधरी हैं।

इन स्टॉक्स को किया गया शामिल

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports & SEZ): कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ को लेकर स्पष्टता है। साथ ही, पिछले छह महीनों में 23% की गिरावट के बाद स्टॉक आकर्षक वैल्यूएशन पर है।

बजाज ऑटो (Bajaj Auto): इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) ट्रांजिशन के बावजूद कंपनी ने अपनी EBITDA मार्जिन स्थिरता बनाए रखी है। घरेलू प्रोडक्ट मिक्स में EVs की हिस्सेदारी Q2 FY24 में 3% से बढ़कर अब 12% हो गई है, जो कंपनी के लिए सकारात्मक संकेत है।

इथोस (Ethos): मैनेजमेंट की नई रणनीति सुपर प्रीमियम वॉच सेगमेंट पर फोकस कर रही है, जिससे EBITDA मार्जिन और प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार की उम्मीद है।

मैरिको (Marico): कंपनी क्विक-कॉमर्स के स्केल-अप से उत्पन्न इंटर-चैनल संघर्षों को हल करने में सबसे आगे है। इसके साथ ही, फूड सेगमेंट में मजबूती के साथ विविधता लाने की दिशा में कंपनी लगातार आगे बढ़ रही है।

श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance): कंपनी का AUM मिक्स अधिक डायवर्सिफाइड हो रहा है, जिसमें गैर-वाहन ऋण की हिस्सेदारी बढ़ रही है। साथ ही, अच्छी अंडरराइटिंग और संग्रह प्रणाली इसे मजबूत एसेट क्वालिटी प्रदान कर रही है।

इस स्टॉक को किया गया बाहर

आदित्य बिड़ला सनलाइफ AMC को लिस्ट से हटा दिया गया है। ब्रोकरेज का मानना है कि बढ़ता कॉम्प्टिशन और शेयर बाजार में अस्थिरता से SIP फ्लो पर असर पड़ सकता है, जिससे इस स्टॉक का प्रदर्शन दबाव में रह सकता है।

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