MSCI Emerging Markets Index: पिछले कुछ महीनों से भारतीय स्टॉक मार्केट में बिकवाली का भारी दबाव बना हुआ है। इसके चलते एमएससीआई एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में अब भारत फिसलकर तीसरे स्थान पर आ गया है। इस इंडेक्स में पहले स्थान पर चीन और दूसरे स्थान पर ताइवान है। सिर्फ रैंकिंग ही नहीं बल्कि वेटेज को भी झटका लगा है और यह 20 फीसदी के अहम लेवल के भी नीचे आ गया है। एमएससीआई ईएम (एमर्जिंग मार्केट्स) और एमएससीआई ईएम इंवेस्टेबल मार्केट (IMI) में विदेशी निवेशकों का करीब 50 लाख करोड़ डॉलर तक आते हैं और अब इसका फ्लो भारत में कम हो रहा हौ और चीन-ताइवान की तरफ बढ़ रहा है क्योंकि वहां के मार्केट शानदार परफॉर्म कर रहे हैं।
सितंबर में हाई पर था भारत का वेटेज
पिछले साल सितंबर 2024 में भारतीय मार्केट रिकॉर्ड हाई पर थे। इसका सीधा असर एमएससीआई ईएम इंडेक्स में भारत के दबदबे पर भी दिख रहा था, जब इंडेक्स में इसका वेटेज 20.8 फीसदी के करीब था और रैंकिंग में यह दूसरे स्थान पर था। हालांकि जब विदेशी निवेशक यहां से पैसे निकालने लगे और मार्केट ढह गया तो इंडेक्स में इसकी रैंकिंग फिसल गई और जनवरी 2025 में वेटेज भी गिरकर 18.41 फीसदी पर आ गया। वहीं एमएससीआई ईएम इंवेस्टेबेल मार्केट इंडेक्स की बात करें तो चीन को पछाड़ते हुए पिछले साल दबदबे के मामले में भारत सबसे आगे था। भारतीय मार्केट में बिकवाली के दौरान चीन ने अक्टूबर में फिर से टॉप पोजिशन हथिया ली। सितंबर में भारत का वेटेज 22.3 फीसदी था जोकि जनवरी में गिरकर 19.7 फीसदी पर आ गई।
तीन कंपनियों को मिली टॉप-10 में जगह
एमएससीआई इंडेक्स में जिन 10 शेयरों का सबसे अधिक दबदबा है, उसमें भारत से तीन हैं- एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक। भारत का वेटेज इंडेक्स में आने वाले समय में बढ़ने की उम्मीद है। ब्रोकरेज हाउस नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च का कहना है कि एमएससीआई के तिमाही रिव्यू में भारत का वेटेज बढ़कर 19 फीसदी पर पहुंच सकता है जिससे 85-100 करोड़ डॉलर का पैसिव इनफ्लो आ सकता है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि हाल ही में मार्केट में लिस्ट हुई हुंडई मोटर इंडिया नमें करीब 25.7 करोड़ डॉलर का निवेश आ सकता है जबकि इंडसइंड बैंक में 26.4 करोड़ डॉलर का निवेश आ सकता है। नए बदलाव 28 फरवरी का मार्केट बंद होने के बाद प्रभावी हो जाएगा।
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