India-Pakistan conflict: भारत की मैक्रो स्थिति काफी बेहतर, भारत-पाक टेंशन घटने के बाद बाजार में आएगी तेजी

India-Pakistan conflict: गुरमीत चड्ढा ने इस बातचीत में आगे कहा कि भारत ने पिछले 8-10 सालों से डिफेंस सेक्टर पर बहुत काम किया है। दुनिया भर में डिफेंस प्रोडक्ट की डिमांड ज्यादा बढ़ी है। डिफेंस कंपनियों को एक्सपोर्ट ऑर्डर काफी बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में डिफेंस सेक्टर में सेलिक्टिव होने की जरुरत है।

अपडेटेड May 10, 2025 पर 1:22 PM
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गुरमीत चड्ढा ने कहा कि इन्वेस्टर्स को आश्वास्त करना चाहता कि भारत की पूरी तैयारी है। देश की सुरक्षा और बाजार दोनों को लेकर घबराने की जरुरत नहीं है।

India-Pakistan conflict: भारत -पाकिस्तान के बीच छिड़े वॉर के बीच बाजार में निवेशकों की क्या स्ट्रैटेजी होनी चाहिए? इस पर बात करते हुए Complete Circle के मैनेजिंग पार्टनर & CIO गुरमीत चड्ढा ने कहा कि इन्वेस्टर्स को आश्वास्त करना चाहता कि भारत की पूरी तैयारी है। देश की सुरक्षा और बाजार दोनों को लेकर घबराने की जरुरत नहीं है। हालांकि इस टेंशन के बीच बाजार में थोड़ी वौलेटिलिटी रहेगी। जब भी कोई मिलिट्री एक्शन होता है तो बाजार में उसका थोड़ा असर देखने को मिलता है। लेकिन जब भी इवेंट खत्म होता है तब बाजार बहुत शानदार रिकवरी भी करता है। ठीक उसी तरह भारत- पाकिस्तान तनाव घटने के बाद बाजार में भी तेजी आएगी। भारत का मैक्रो पिक्चर काफी अच्छा है। इसलिए बाजार में डरने की जरुरत नहीं है।

गुरमीत चड्ढा ने इस बातचीत में आगे कहा कि भारत ने पिछले 8-10 सालों से डिफेंस सेक्टर पर बहुत काम किया है। दुनिया भर में डिफेंस प्रोडक्ट की डिमांड ज्यादा बढ़ी है। डिफेंस कंपनियों को एक्सपोर्ट ऑर्डर काफी बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में डिफेंस सेक्टर में सेलिक्टिव होने की जरुरत है। वहीं EPC प्लेयर पर भी ध्यान रखने की जरुरत है। डिफेस सेक्टर पर शॉर्ट टर्म में रिएक्शन देखने को मिल सकता है लेकिन इस सेक्टर में लंबी अवधि के लिए निवेश करें।

गुरमीत चड्ढा ने कहा कि HAL, Zen tech, solar industries, Bharat Forge के शेयर हमारे पोर्टफोलियो में है और इनपर हमारा पॉजिटीव नजरिया बना हुआ है।


इस बीच White Oak Group के फाउंडर प्रशांत खेमका ने कहा कि बाजार के नजरिए से थोड़ी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। बाजार में अनिश्चितता के माहौल में शॉर्ट टर्म में मार्केट में वोलैटिलिटी देखने को मिलती है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव ज्यादा समय के लिए नहीं होगा। 2016 और 2019 में हुई परिस्थिति इस बात का उदाहरण है। अगर तनाव की स्थिति ज्यादा नहीं बढ़ती तो बाजार पर कोई गिरावट नहीं होगी।

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि अगर बाजार को ऐसा लगे कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव आउट ऑफ कंट्रोल होता हुए दिखे तब तो बाजार में 10% तक की गिरावट संभव है और यह गिरावट भी एक डर के कारण देखने को मिले। स्थिति नियंत्रण होने के बाद गिरावट नहीं होगी। ऐसे में बाजार में निवेशित रहना ज्यादा बेहतर होगा।

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