IndiGo Share Price: बुल,बेस और बेयर केस में क्या होगी इंडिगो की स्थिति? ब्रोकरेज फर्म ने किया निवेशकों को सतर्क

IndiGo Share Price: भारी दिक्कतों से जूझ रही इंडिगो के लिए आगे क्या हो सकता है, इसे लेकर यूबीएस ने बुल, बेयर और बेस केस का खाका खींचा है। हालांकि ब्रोकरेज फर्म ने इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है। जानिए बुल, बेयर और बेस केस में इंडिगो के साथ क्या-क्या हो सकता है और इसमें निवेश का टारगेट प्राइस क्या है?

अपडेटेड Dec 12, 2025 पर 4:44 PM
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IndiGo को कवर करने वाले 26 एनालिस्ट्स में से 21 ने इसे खरीदारी की रेटिंग दी है तो दो ने होल्ड और तीन ने सेल रेटिंग दी है।

IndiGo Share Price: मार्केट में दबदबे के हिसाब से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) के शेयरों ने आज रिकवरी की कोशिश की। इसके शेयरों में यह रिकवरी ऐसे समय में आई है जब इंडिगो के सीईओ रेगुलेटर्स से मुलाकात करने वाले हैं और हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ रिट याचिका फाइल होने वाली है। ब्रोकरेज फर्म यूबीएस ने इंडिगो के साथ आगे क्या हो सकता है, इसे लेकर तीन स्थितियों की कल्पना की है। हालांकि ओवरऑल ब्रोकरेज फर्म ने इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकररार रखा है और टारगेट प्राइस ₹6,350 फिक्स किया है। आज इसके शेयर बीएसई पर 0.86% की ब़ढ़त के साथ ₹4860.85 पर बंद हुए हैं। इंट्रा-डे में यह 1.60% उछलकर ₹4896.30 तक पहुंच गया था।

ब्रोकरेज फर्म यूबीएस ने अपने नोट में कहा कि इंडिगो की स्थिति लगातार बदल रही है, रेगुलेटर डीजीसीए इसके विंटर शेड्यूल्स में कटौती और इंडिगो के ऑफिसों में अधिकारियों की तैनाती जैसे कड़े कदम उठा रहा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि फिलहाल मौजूदा स्थिति पर इसकी नजर बनी हुई है और सरकार और रेगुलेटर क्या कदम उठाती है, उसके आधार पर इस पर फैसला होगा। यहां इंडिगो के साथ आने वाले समय में क्या हो सकता है, इसे लेकर तीन स्थितियों-बुल, बेस और बेयर केस का खाका खींचा गया है।

तीन स्थितियों में ऐसे पड़ेगा IndiGo पर असर

बुल केस


यूबीएस का मानना है कि बुल केस में एफडीटीएल के नियमों के पालन के लिए इंडिगो वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 में करीब 900 पायलट्स की हायरिंग कर सकती है। यह मौजूदा पायलट्स के बराबर खर्च और कंप्लॉयंस के थोड़े अधिक कॉस्ट पर अधिक हो सकता है। बुल केस में यह मानना गया है कि यील्ड, एवेलेबल सीट किमी (ASK) और RPK (प्रति सीट रेवेन्यू किमी) के गाइडेंस में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।

बेस केस

यूबीएस का मानना है कि बेस केस में इंडिगो वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 में जरूरत का सिर्फ 70% यानी करीब 630 पायलट्स की हायरिंग करती है और वह भी मौजूदा पायलट्स के मुकाबले 3% हाई सैलरी और कंप्लॉयंस कॉस्ट में उछाल के साथ। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि इस स्थिति में पायलट्स की कम संख्या के साथ इसके ASK, RPK और यील्ड के अनुमान में कटौती हो सकती है।

बेयर केस

यूबीएस के मुताबिक बेयर केस में इंडिगो सिर्फ 50% पायलट्स की भर्ती कर सकती है और वह भी मौजूदा पायलट्स के मुकाबले 10% हाई सैलरी और कंप्लॉयंस कॉस्ट में अधिक बढ़त के साथ। चूंकि इस केस में कंपनी और भी कम पायलट्स के साथ फ्लाइट्स चलाएगी तो इसके ASK, RPK और यील्ड के अनुमान में और कटौती हो सकती है।

एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?

इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर 22 जनवरी 2025 को ₹3946.40 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इस निचले स्तर से यह सात महीने में 57.74% उछलकर 18 अगस्त 2025 को ₹6225.05 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। अब आगे की बात करें तो इसे कवर करने वाले 26 एनालिस्ट्स में से 21 ने इसे खरीदारी की रेटिंग दी है तो दो ने होल्ड और तीन ने सेल रेटिंग दी है।

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