Indiqube Spaces IPO Listings: आईपीओ प्राइस से 9% के घाटे पर लिस्ट हुआ शेयर, अब क्या करें निवेशक?

Indiqube Spaces IPO Listings: इंडिक्यूब स्पेसेज के शेयरों की लिस्टिंग कमजोर रही। वर्कप्लेस सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली इस कंपनी के शेयर बुधवार 30 जुलाई को एक्सचेंजों पर अपने IPO प्राइस से करीब 9% तक के डिस्काउंट पर लिस्ट हुए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर 216 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए, जो इसके IPO प्राइस से 21 रुपये या 8.86% कम है

अपडेटेड Jul 30, 2025 पर 10:28 AM
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Indiqube Spaces IPO Listings: इंडिक्यूब स्पेसेज ने अपने IPO के जरिए 700 करोड़ रुपये जुटाए

Indiqube Spaces IPO Listings: इंडिक्यूब स्पेसेज के शेयरों की लिस्टिंग कमजोर रही। वर्कप्लेस सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली इस कंपनी के शेयर बुधवार 30 जुलाई को एक्सचेंजों पर अपने IPO प्राइस से करीब 9% तक के डिस्काउंट पर लिस्ट हुए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर 216 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए, जो इसके IPO प्राइस से 21 रुपये या 8.86% कम है। वहीं BSE पर इसके शेयर 218.70 रुपये पर लिस्ट हुए, जो इसके आईपीओ प्राइस से करीब 7.7 फीसदी कम है।

हालांकि यह लिस्टिंग अनलिस्टेड मार्केट के उम्मीदों से कमजोर रही। अनलिस्टेड मार्केट में यह शेयर लिस्टिंग से पहले लगभग फ्लैट ट्रेड कर रहे थे। Investorgain के आंकड़ों के मुताबिक, इसके शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) केवल 1 रुपये था, यानी शेयर लगभग 238 प्रति शेयर के आसपास ही ट्रेड कर रहे थे।

IPO से जुड़ी जानकारियां

इंडिक्यूब स्पेसेज ने अपने IPO के जरिए 700 करोड़ रुपये जुटाए। इसमें से 650 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 50 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल था। यह OFS कंपनी के प्रमोटर्स और फाउंडर्स ऋषि दास और मेघना अग्रवाल की ओर से लाया गया था। IPO का प्राइस बैंड 225 रुपये से 237 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था।


अब क्या करें निवेशक?

Hensex Securities के AVP रिसर्च और बिजनेस डेवलपमेंट महेश एम ओझा ने कहा कि कंपनी का वैल्यूएशन थोड़ा महंगा दिखता है, लेकिन सेक्टर के ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट्स को देखते हुए इसे सही ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा, "लंबी अवधि के निवेशक शेयर होल्ड कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कंपनी की ऑक्यूपेंसी और मार्जिन पर नजदीकी नजर रखनी होगी।"

आंशिक मुनाफावसूली की सलाह

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के हेड फंडामेंटल रिसर्च-इन्वेस्टमेंट सर्विसेज नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि निवेशक लिस्टिंग के दिन आंशिक मुनाफावसूली पर विचार कर सकते हैं और बाकी शेयरों को लंबी अवधि के लिए होल्ड कर सकते हैं। उन्होंने कहा,"Indiqube Spaces मैनेज्ड वर्कप्लेस सॉल्यूशंस प्रदान करती है, जिसमें प्लग-एंड-प्ले कोवर्किंग स्पेस, इंटीरियर्स, टेक और फैसिलिटी मैनेजमेंट शामिल है। कंपनी 'हब-एंड-स्पोक' मॉडल पर काम करती है और इसके क्लाइंट्स में स्टार्टअप्स से लेकर ग्लोबल कॉर्पोरेट कैपेबिलिटी सेंटर्स शामिल हैं।"

सोलंकी ने आगे कहा कि 31 मार्च 2025 तक कंपनी के पास 15 भारतीय शहरों में 115 सेंटर्स थे, जो 8.40 मिलियन वर्ग फुट एरिया और 1,86,719 सीटिंग कैपेसिटी मैनेज करते हैं। कंपनी आने वाले समय में अपने कमर्शियल रियल एस्टेट पोर्टफोलियो को पैमाने और भौगोलिक स्तर पर विस्तार देने की योजना बना रही है।

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