गोल्डमैन सैक्स ने 2026 में निफ्टी के 29000 पर पहुंच जाने की जताई उम्मीद, इन 4 वजहों से मार्केट में आएगी तेजी

साल 2025 में दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले इंडिया का प्रदर्शन खराब रहा है। लेकिन, फिर से इंडिया की ग्रोथ स्टोरी सबसे स्ट्रॉन्ग रहने की उम्मीद है। Nifty 50 के अगले साल के अंत तक 29,000 तक पहुंच जाने की उम्मीद है

अपडेटेड Nov 10, 2025 पर 8:16 PM
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पिछले एक साल से जारी कंसॉलिडेशन के बाद दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले इंडियन मार्केट के प्रीमियम में कमी आई है।

इंडियन स्टॉक मार्केट्स पर गोल्डमैन सैक्स का रुख पॉजिटिव हो गया है। उसने इंडिया की रेटिंग अपग्रेड कर 'ओवरवेट' कर दी है। अक्तूबर 2024 में उसने इंडिया को डाउनग्रेड किया था। उसने दूसरे मार्केट्स के मुकाबले इंडिया के प्रदर्शन को बीते दो दशकों में सबसे खराब बताया था। अब उसने इकोनॉमिक की अच्छी सेहत और कॉर्पोरेट स्ट्रेंथ को देखते हुए इंडिया को अपड्रेड किया है।

2025 में भारतीय बाजारों का कमजोर प्रदर्शन

साल 2025 में दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले इंडिया का प्रदर्शन खराब रहा है। फिर से इंडिया की ग्रोथ स्टोरी सबसे स्ट्रॉन्ग रहने की उम्मीद है। Nifty 50 के अगले साल के अंत तक 29,000 तक पहुंच जाने की उम्मीद है। गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "इंडिया फिर से 'ओवरवेट' कैटेगरी में है।" ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक ने कहा है कि इंडिया को 'ओवरवेट' में डालने की चार वजहें हैं। इनमें पॉलिसी सपोर्ट, अर्निंग्स में फिर से इजाफा, इम्प्रूव्ड फॉरेन पोजिशनिंग और डिफेंसिव वैल्यूएशंस शामिल हैं।

इंडिया के फंडामेंटल्स में फिर से मजबूती दिख रही 


इनवेस्टमेंट बैंक ने कहा है कि दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले इस साल करीब 25 पर्सेंटेज प्वाइंट्स तक पिछड़ने के बाद फंडामेंटल्स में फिर से मजबूती दिख रही है। अर्निंग्स डाउनग्रेड में अब स्थिरता आई है। फिस्कल और रेगुलेटरी पॉलिसीज ज्यादा सपोर्टिव हो गई हैं। गोल्डमैन ने MSCI India की ग्रोथ 2016 में 14 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इस इस साल के 10 फीसदी के अनुमान से ज्यादा है। इसकी वजह नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ करीब 11 रहने की उम्मीद है।

अगले साल निफ्टी 29000 तक पहुंच सकता है

इनवेस्टमेंट बैंक ने अगले साल के अंत तक निफ्टी 50 के 29,000 पर पहुंच जाने का अनुमान जताया है। इसका मतलब है कि निफ्टी 50 अभी के लेवल से करीब 14 फीसदी तक चढ़ सकता है। दरअसल, पिछले एक साल से जारी कंसॉलिडेशन के बाद दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले इंडियन मार्केट के प्रीमियम में कमी आई है। विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट्स में 30 अरब डॉलर की बिकवाली की है। म्यूचुअल फंड्स ऐलोकेशन दो दशकों के निचले स्तर पर पहुंच गया है।

घरेलू निवेशकों ने दिया मार्केट को सहारा

विदेशी निवेशकों के बीच घरेलू संस्थागत निवेशकों ने खरीदारी कर मार्केट को सहारा दिया है। अर्निंग्स में स्थिरता आने के साथ विदेशी फंडों के निवेश फिर से शुरू करने संकेत मिल रहे हैं। गोल्डमैन सेक्स का मानना है कि अगले साल इंडियन मार्कट्स का प्रदर्शन इस इलाके के दूसरे बाजारों से बेहतर रह सकता है। सरकार और रेगुलेटर्स की तरफ से ग्रोथ बढ़ाने के उपाय किए गए हैं। RBI ने 2025 में रेपो रेट में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की है।

ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय

सरकार ने कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए इस साल इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी है। जीएसटी रेट्स में कमी की गई है। यह कमी 22 सितंबर से लागू हो गया है। इसका पॉजिटिव असर कंजम्प्शन पर पड़ता दिख रहा है। सितंबर तिमाही के कंपनियों के नतीजों में भी बेहतरी देखने को मिली है। अब तक आए नतीजों में प्रॉफिट ग्रोथ अनुमान से 2 फीसदी ज्यादा रही है। इनफ्लेशन घटने, क्रेडिट में इजाफा और मार्जिन में इम्प्रूवमेंट से प्रॉफिट ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है।

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अब भी इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन कम नहीं

इंडियन शेयरों में अब भी फॉरवर्ड अर्निंग्स के 23 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इसके बावजूद गोल्डमैन ने वैल्यूएशंस को डिफेंसिबल बताया है। उसका मानना है कि अगले दो सालों में बेस-केस डी-रेटिंग की सिर्फ 2 फीसदी आशंका है।

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