IndusInd Bank में इनसाइडर ट्रेडिंग का शक गहराया, बैंक ने एंप्लॉयीज से एसेट और लायबिलिटी की जानकारी मांगी

इंडसइंड बैंक ने सीनियर और मिडिल लेवल के कई एंप्लॉयीज को ईमेल भेजा है। इसमें उनसे एसेट और लायबिलिटीज की डिटेल जानकारी देने को कहा गया है। उन्हें यह जानकारी 31 मई तक बैंक के एचआर डिपार्टमेंट के पास भेजनी है

अपडेटेड May 22, 2025 पर 4:45 PM
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बैंक के कुछ सीनियर अफसर और एग्जिक्यूटिव्स SEBI के रडार पर हैं। उन पर इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होने का शक है।

इंडसइंड बैंक ने अपने सीनियर और मिडिल लेवल एंप्लॉयीज के एसेट और लायबिलिटीज की डिटेल मांगी है। इस बार में बैंक ने मार्च में ही एंप्लॉयीज को ईमेल भेजा था। इस महीने उन्हें रिमाइंडर भेजा गया है। एंप्लॉयीज को 31 मई तक रिप्लाई देने को कहा है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि इससे पहले इंडसइंड बैंक ने अपने एंप्लॉयीज से ऐसी जानकारी नहीं मांगी थी। हालांकि, कुछ बैंक पॉलिसी के तहत अपने एंप्लॉयीज से एसेट का डेक्लेरेशन मांगते हैं।

बैंक एंप्लॉयीज की जानकारियां गोपनीय रखेगा

IndusInd Bank के स्टाफ को भेजे ईमेल में कहा गया है, "नैतिकता और गुड गवर्नेंस प्रैक्टिस के तहत कोड ऑफ कंडक्ट यह मांग करता है कि हमारे एंप्लॉयीज की डीलिंग्स में पारदर्शिता होना चाहिए।" ईमेल में यह भी कहा गया है कि मैनेजमेंट के निर्देश के तहत सभी एंप्लॉयीज को इंफॉर्मेशन सब्मिट करने की गुजारिश की जाती है। बताया जाता है कि एंप्लॉयीज को एसेट और लायबिलिटीज के बारे में सही जानकारी देने को कहा गया है। इस बारे में उन्हें पूरी जानकारी एचआर डिपार्टमेंट को देनी होगी। बैंक ने एंप्लॉयीज से कहा है कि उनकी तरफ से दी गई जानकारी को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा।


कई सीनियर एंप्लॉयीज सेबी के रडार पर

इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब इंडसइंड बैंक ने नहीं दिया। बैंक के कुछ सीनियर अफसर और एग्जिक्यूटिव्स SEBI के रडार पर हैं। उन पर इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होने का शक है। सेबी इन एंप्लॉयीज के खिलाफ अपने बैंक के शेयरों के साथ ही क्लाइंट्स के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होने की जांच कर रहा है। मनीकंट्रोल ने अपनी खबर में कहा था कि बैंक के 6 एंप्लॉयीज क्लाइंट कंपनियों के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए सेबी के रडार पर हैं।

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जांच के बाद 1-2 महीनों सेबी इश्यू कर सकता है ऑर्डर

SEBI ने इस बारे में अप्रैल से डिटेल मांगी थी। मामले की पोल खोलने वाली सभी शिकायतों और बोर्ड की ऑडिट कमेटी के मिनट्स की जानकारी भी मांगी गई थी। इस मामले में सेबी की जांच चल रही है। जांच के नतीजों के आधार पर अगले 1-2 महीनों में सेबी ऑर्डर इश्यू कर सकता है। सेबी इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या बैंक के मैनेजमेंट या बोर्ड ने शिकायतें मिलने के बाद इन एंप्लॉयीज को बचाने की कोशिश की है। आरोप है कि इंडसइंड बैंक के कुछ एप्लॉयीज क्लाइंट कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग करते थे और उनके पास कुछ इनसाइडर जानकारियां होती थी।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: May 22, 2025 4:36 PM

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