अतुल ऑटो के निदेशक और दिग्गज निवेशक विजय केडिया ने 29 अगस्त को मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में कहा कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पिछले छह से सात महीनों से तेजी के दौर में है। उनका मानना है कि इंफ्रा सेक्टर में हमें वही रुझान देखने को मिलेगा जो 2003 से 2007 के दौरान देखने को मिला था। केडिया के मुताबिक इस सेक्टर आए हालिया उछाल की अहम वजह बुनियादी ढांचे के विकास पर बढ़ा सरकारी खर्च है। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर का कैपेसिटी यूटिलाइजेशन भी 75-80 फीसदी के आसपास पहुंच गया है। ऐसे में अब प्राइवेट सेक्टर को भी बढ़ती मांग को पूरा करने को लिए अपनी क्षमता में विस्तार करना होगा। इसके चलते आगे में प्राइवेट सेक्टर की तरफ से होने वाले कैपेक्स में भी बढ़त देखने को मिलेगी।
उभरते सेक्टरों में सुधार और आधुनिकीकरण पर रहेगा फोकस
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि 2003 और 2007 के बीच होने वाला पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) खासतौर पर थर्मल एनर्जी, सड़क और रेलवे, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट जैसे पारंपरिक इंडस्ट्री पर केंद्रित था। इसके विपरीत,कैपेक्स का वर्तमान साइकिल पहले की तुलना में कहीं ज्यादा विविधतापूर्ण (डाइवर्सिफाइड) है। इस बार मैन्यूफैक्चरिंग पर खास जोर के साथ नए उभरते सेक्टरों में सुधार और आधुनिकीकरण पर फोकस है।
नए उभरते सेक्टरों में मिलेंगे कमाई के मौके
इस बार रिन्यूएबल एनर्जी के विकास, क्लीन एनर्जी, वाहनों और रेलवे के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन, रेलवे के आधुनिकीकरण, मेट्रो के विकास, हाई-स्पीड रेल, और डिफेंस सेक्टर पर फोकस किया जा रहा है। देश में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने को लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम्स, लोकलाइजेशन और स्वदेशीकरण जैसी नीतियां अपनाई जा रही हैं।
इंफ्रा सेक्टर पर सुपर बुलिश
विजय केडिया ने आगे कहा कि इंफ्रा सेक्टर से जुड़ी किसी भी कंपनी को आगे इन सबसे काफी फायदा होगा क्योंकि ये थीम अब अपने बुलिश फेज में कदम रख रही है। उन्होंने ये भी कहा कि इंफ्रा सेक्टर ये तेजी आगे 4-6 साल तक कायम रहेगी। विजय केडिया इंफ्रा सेक्टर को लेकर सुपर बुलिश हैं।
विजय केडिया ने कहा कि इंफ्रा सेक्टर से जुड़ी किसी भी कंपनी को आगे इन सबसे काफी फायदा होगा क्योंकि ये थीम अब अपने बुलिश फेज में कदम रख रही है