Insurance premium : इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर आज वित्त मंत्रालय ने हॉस्पिटल्स और इंश्योरेंस कंपनियों की दूसरे दौर की बैठक बुलाई है। इस पर और डिटेल्स देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि इंश्योरेंस प्रीमियम पर आज वित्त मंत्रालय ने अहम बैठक बुलाई हैं जिसमें हॉस्पिटल्स और इंश्योरेंस कंपनियां शामिल हैं। दूसरे दौर की बैठक में प्रीमियम बढ़त पर चर्चा होगी। यह बैठक DFS सचिव की अध्यक्षता में होगी।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से इंश्योरेंस कंपनियां और हॉस्पिटल्स रेट रिवीजन को लेकर आमने-सामने हैं। हॉस्पिटल्स का तर्क था कि मेडिकल उपकरण, दवाओं और स्टाफ सैलरी में भारी बढ़ोतरी के चलते चार्जेज़ बढ़ाना जरूरी है। वहीं इंश्योरेंस कंपनियों का कहना था कि लगातार बढ़ते अस्पताल रेट्स की वजह से प्रीमियम भी बढ़ाने पड़ते हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर असर पड़ता है।
सूत्रों के मुताबिक आज होने वाली बैठक में हॉस्पिटल्स को मेडिकल एक्सपेंस नहीं बढ़ाने को कहा जा सकता है। आज की बैठक में अपोलो और मैक्स जैसे हॉस्पिटल भाग लेंगे। हॉस्पिटल्स ने मेडिकल एक्सपेंस नहीं बढ़ाने का आश्वासन नहीं दिया है। हांलांकि पहली बैठक में 70-80 फीसदी हॉस्पिटल बढ़ोतरी नहीं करने का वादा कर चुके हैं। इनमें Max, Manipal, Narayana Health, Care Hospitals, Cloudnine जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कुछ बड़े ग्रुप जैसे Medanta, Apollo और Fortis के साथ अभी चर्चा चल रही है और आने वाले हफ्तों में इनसे भी करार होने की संभावना है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मेडिकल एक्सपेंस नहीं बढ़ेगा तो प्रीमियम भी नहीं बढ़ेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक हॉस्पिटल चार्जेज़ नहीं बढ़ाए जाएंगे, तो इंश्योरेंस कंपनियों के पास प्रीमियम बढ़ाने का भी कोई ठोस कारण नहीं बचेगा, जिससे आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है। बीते दो साल में कोविड-19 और मेडिकल इंफ्लेशन के कारण हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 15–25 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला है। इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST हटाने के बावजूद इंश्योरेंस कंपनियों ने प्रीमियम बढ़ाए हैं।
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