शुक्रवार को मार्केट क्लोज (Market Closing) होने के बाद इनवेस्टर्स ने संभवत: यह सोचा होगा-थैंक्स गॉड, यह हफ्ता खत्म हो गया। बीते दो साल में यह सबसे ज्यादा गिरावट वाला हफ्ता रहा। इस गिरावट ने इनवेस्टर्स को डरा दिया है। कोरोना की महामारी शुरू होने के बद बड़ी संख्या में लोगों ने शेयरों की ट्रेडिंग शुरू की थी। उन्होंने अच्छा मुनाफा भी कमाया है। लेकिन, मार्केट की मौजूदा स्थिति को लेकर वे मायूस हैं।
देर से मार्केट में दाखिल होने वाले कई इनवेस्टर्स ने तो अपना पूरा मुनाफा गंवा दिया है। इस हफ्ते सेंसेक्स करीब 5.19 फीसदी गिरा। निफ्टी में भी 5.36 फीसदी की गिरावट आई। इससे इनवेस्टर्स के 14 लाख करोड़ स्वाहा हो गए। सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर टाइटन रहा। यह करीब 6 फीसदी टूटा। विप्रो, श्री सीमेंट, एचडीएफसी लाइफ और बीपीसीएल में 3 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई।
LIC का शेयर इस हफ्ते करीब 5 फीसदी गिरा। इस हफ्ते की शुरुआत में यानी सोमवार को इस शेयर का प्राइस 687 रुपये था। गुरुवार को यह 654.35 रुपये पर बंद हुआ। एलआईसी के शेयरों में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए यह बड़ा झटका है। इस आईपीओ में बड़ी संख्या में LIC के पॉलिसीहोल्डर्स ने इनवेस्ट किया था। उन्हें शेयर बाजार के बारे में ज्यादा अनुभव नहीं था।
RBL Bank का शेयर इस हफ्ते 19.66 फीसदी गिर गया। इस हफ्ते की शुरुआत यानी सोमवार को इस शेयर का भाव 102 रुपये पर खुला। लेकिन, हफ्ता खत्म होते-होते इसका भाव 82 रुपये रह गया। एक महीने की बात करें तो यह शेयर 31 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। NALCO का शेयर इस हफ्ते करीब 12 फीसदी गिरा है।
अभी बाजार इनफ्लेशन को सबसे बड़ा खतरा मान रहा है। दुनिया भर में इनफ्लेशन कई साल की ऊंचाई पर है। इससे काबू में करने की कोशिश दुनियाभर के केंद्रीय बैंक कोशिश कर रहे हैं। वे इंटरेस्ट रेट को बढ़ा रहे हैं। बुधवार को अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट 0.75 फीसदी बढ़ा दिया। इसके चलते गुरुवार को इंडिया सहित प्रमुख एशियाओं बाजारों में बड़ी गिरावट आई।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स को हताशा में अपने शेयर बेचने नहीं चाहिए। यह समय धैर्य रखने का है। मौजूदा माहौल में उन्हें मुनाफा कमाने की बजाय अपने पैसे की सुरक्षा पर फोकस करना चाहिए। उन्हें 2020 में मार्च में आई गिरावट को यादा करना चाहिए। तब कोरोना की महामारी शुरू होने की खबर से बाजार में बड़ी गिरावट आई थी। लेकिन, कुछ ही महीनों में बाजार ने अपने लॉस की भरपाई कर ली थी।