IPO News : कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के प्रबंध निदेशक और हेड ECM कौशल शाह को उम्मीद है कि 2024 प्राइमरी मार्केट के लिए पिछले वर्ष की तुलना में और भी ज्यादा व्यस्त रहेगा। 2023 में करीब 54 आईपीओ लॉन्च किए गए थे। वहीं, अब तक 55 से ज्यादा डीआरएचपी दाखिल किए गए हैं और रेग्यूलेटरी मंजूरियों के विभिन्न चरणों में हैं। निवेश बैंकिंग का 20 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले शाह का कहना है कि राजनीतिक स्थिरता और ब्याज दर में नरमी की उम्मीद के बीच भारत के फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं। ऐसे में 2024 में तमाम अलग-अलग सेक्टरों की कंपनियां आईपीओ मार्केट का दरवाजा खटखटाती दिखेंगी।
मनीकंट्रोल को दिए गए एक साक्षात्कार में कौशल शाह ने आगे कहा कि 2024 में कंज्यूमर टेक, इलेक्ट्रिक वाहन और डिजिटल टेक्वनोलॉजी वाले स्टार्टअप प्राइमरी मार्केट में पूंजी जुटाने के लिए आते नजर आ सकते हैं क्योंकि इस तरह की तमाम कंपनियां अब मुनाफे में आती दिख रही है। यहां हम आपके लिए कौशल शाह के साक्षात्कार का संपादित अंश दे रहे हैं।
2023 स्मॉल और मिडकैप आईपीओ का रहा
कौशल ने आगे कहा कि साल 2023 स्मॉल और मिडकैप आईपीओ का था। कुल 54 आईपीओ में से 70 फीसदी से ज्यादा 1,000 करोड़ रुपये से कम के इश्यू साइज के लिए थे और 85 फीसदी से ज्यादा 10,000 करोड़ रुपये से कम के मार्केट कैप वाले आईपीओ थे। 2023 में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) आईपीओ की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखे। इससे न केवल मांग बल्कि आईपीओ की कीमत भी बढ़ी। अगर हम 100 मिलियन डॉलर/800 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईपीओ पर नजर डालें तो दो-तिहाई से ज्यादा एंकर डिमांड डीआईआई की तरफ से आई।
2023 में हमें पूंजी बाजार की गहराई का अंदाजा लगा जहां एक ही समय में लॉन्च हुए कई आईपीओ को भी अलग-अलग श्रेणी के निवेशकों से भारी रिस्पॉन्स मिला। उदाहरण के लिए, नवंबर 2023 में एक सप्ताह में पांच आईपीओ लॉन्च हुए। लगभग 7,400 करोड़ रुपये के इनके कुल साइज मुकाबले 1,80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संस्थागत मांग और 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की गैर-संस्थागत मांग देखने को मिली।
2024 में बड़ी कंपनियों के बड़े साइज वाले आईपीओ भी आएगें नजर
क्या 2024 में मेनबोर्ड और एसएमई सेगमेंट में आईपीओ के जरिए पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा फंड जुटाए जाने की उम्मीद है? इसके जबाव में कौशल शाह ने आगे कहा कि पिछले साल जनवरी और फरवरी में कोई आईपीओ नहीं आए। वहीं, पहले छह महीनों में लगभग 16 फीसदी आईपीओ आए। हालांकि पिछले चार महीनों में 34 आईपीओ आए, जिसका मतलब है कि औसतन प्रति माह लगभग नौ आईपीओ आए हैं। ऐसे में उम्मीद है कि ये गति न केवल जारी रहेगी बल्कि इसमें सुधार भी होगा, क्योंकि भारत के फंडामेंट्लस मजबूत बने हुए हैं, यहां राजनीतिक स्थिरता है, ग्लोबल लेवल पर ब्याज दर की स्थिति में सुधार हो रहा है और भू-राजनीतिक मुद्दों का असर बाजार में लगभग पचा लिया है। ऐसे स्थिति में 2024 में प्राइमरी मार्केट में स्मॉल और मिडकैप आईपीओ के अलावा बड़ी कंपनियों के बड़े साइज वाले आईपीओ भी नजर आ सकते हैं।
खुदरा निवेशकों को कौशल की सलाह
मेनबोर्ड आईपीओ को लेकर उत्साहित खुदरा निवेशकों को सलाह देते हुए कौशल ने कहा कि 2023 में आईपीओ बाजार ने जोरदार रिटर्न दिया है। बाजार में तेजी और आईपीओ के सही वैल्यूशन के चलते आईपीओ बाजार में अच्छा रिटर्न मिला है। उदाहरण के लिए, 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईपीओ ने 30 फीसदी से ज्यादा का लिस्टिंग गेन दिया है। लेकिन हमें ये ध्यान में रखना चाहिए कि किसी कंपनी का प्रदर्शन और उसके फंडामेंटल्स की मजबूती सबसे अहम होते हैं। ऐसे में कोई निवेश करने के पहले कंपनी के इन पहलुओं की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए।
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