Jane Street इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में नहीं कर रही सहयोग, कंपनी के सर्वर्स और बुक्स भी विदेश में

जेन स्ट्रीट के सर्वर्स इंडिया से बाहर हैं। एक्सेस ब्लॉक किया जा रहा है। बुक्स ऑफ अकाउंट्स भी इंडिया से बाहर मेंटेन किए जा रहे हैं, जबकि इंडिया के नियम के मुताबिक अकाउंट्स इंडिया में मेंटेन करना जरूरी है

अपडेटेड Aug 01, 2025 पर 4:55 PM
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सेबी ने जेन स्ट्रीट और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ 3 जुलाई को अंतरिम आदेश जारी किया था।

जेन स्ट्रीट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ सहयोग नहीं कर रही है। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने 1 अगस्त को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जेन स्ट्रीट के सर्वर्स इंडिया से बाहर हैं। एक्सेस ब्लॉक किया जा रहा है। बुक्स ऑफ अकाउंट्स भी इंडिया से बाहर मेंटेन किए जा रहे हैं, जबकि इंडिया के नियम के मुताबिक अकाउंट्स इंडिया में मेंटेन करना जरूरी है। बताया जाता है कि जेन स्ट्रीट के सिर्फ कुछ स्टॉफ इंडिया में हैं। ये भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। व्यक्ति ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जेन स्ट्रीट के ट्रेडिंग पार्नटर का सर्वे किया

व्यक्ति ने बताया कि इस बारे में अभी ज्यादा बताना मुमकिन नहीं है। Income Tax Department को ट्रांजेक्शन के सभी डेटा मिलने, बुक्स ऑफ अकाउंट का पूरी तरह से नियंत्रण मिल जाने के बाद ही मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी का अनुमान लगाया जा सकेगा। यह जानकारी मुंबई में Jane Street के ऑन-ग्रांउड ट्रेडिंग पार्टनर नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट के ठिकानों पर आईटी डिपार्टमेंट के सर्वे के बाद सामने आई।


जरूरत पड़ने पर नुवामा स्टॉक एक्सचेंजों को डिसक्लोजर करेगी

नुवामा वेल्थ ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, "इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 133ए के तहत सर्वे कर रहा है। कंपनी अथॉरिटीज के साथ पूरा सहयोगी कर रही है और मांगी गई जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही है।" कंपनी ने यह भी कहा कि सर्वे अभी पूरा नहीं हुआ है। अगर किसी तरह के डिसक्लोजर की जरूरत होगी तो कंपनी उसे सेबी रेगुलेशंस, 2015 के तहत स्टॉक एक्सचेंजों को करेगी। कंपनी का कामकाज सामान्य तरीके से चल रहा है।

सेबी ने जेन स्ट्रीट के खिलाफ 3 जुलाई को ऑर्डर दिया था

सेबी ने जेन स्ट्रीट और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ 3 जुलाई को अंतरिम आदेश जारी किया था। रेगुलेटर ने जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों पर इंडियन मार्केट्स में किस तरह की ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी थी। जेन स्ट्रीट पर इंडियन स्टॉक मार्केट्स में मैनिपुलेशन का आरोप है। उसने प्रॉफिट कमाने के लिए एक खास स्ट्रेटेजी अपनाई, जिसे मैनिपुलेशन के बराबर माना गया।

जेन स्ट्रीट ने एस्क्रो अकाउंट में 4,843 करोड़ जमा कराए

सेबी ने जेन स्ट्रीट को 4,843 करोड़ रुपये एस्क्रो अकाउंट में जमा कराने का आदेश दिया था। रेगुलेटर का मानना है कि यह पैसा जेन स्ट्रीट ने मार्केट मैनिपुलेशन से कमाया है। जेन स्ट्रीट ने यह पैसा एस्क्रो अकाउंट में जमा करा दिया है। वह दोबारा इंडियन मार्केट्स में ट्रेडिंग शुरू करना चाहती है। हालांकि, इससे पहले उसने सेबी के आदेश को कानूनी रूप से चैलेंज करने की बात कही थी।

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जेन स्ट्रीट ने मैनुपलेशन के आरोपों से किया इनकार

जेन स्ट्रीट ने मैनिपुलेशन के सेबी के आरोपों का खंडन किया है। उसने यह भी कहा है कि उसने जिस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कि वह स्टैंडर्ड आर्बिट्रॉज ट्रेड्स थे। जेन स्ट्रीट के पैसे डिपॉजिट करने के बाद सेबी ने पिछले हफ्ते प्रतिबंध हटा दिए।

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