Jane Street ने इंडियन मार्केट्स में प्रॉफिट कमाने के लिए FPI नियमों का किया उल्लंघन!

जेन स्ट्रीट ने इंडिया में इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अपनी जरूरत के हिसाब से स्ट्रेटेजी तैयार की। फिर इस स्ट्रेटेजी के इस्तेमाल से इंडियन मार्केट्स में खूब पैसे बनाए। सेबी ने इसे मैनिपुलेटिव ट्रेड स्ट्रेटेजी करार दिया है

अपडेटेड Jul 04, 2025 पर 2:55 PM
Story continues below Advertisement
सेबी ने अभी जेन स्ट्रीट के खिलाफ अंतरिम आदेश दिया है। लेकिन, रेगुलेटर के सूत्रों का कहना है कि आगे इस मामले में बड़े एक्शंस दिख सकते हैं।

जेन स्ट्रीट पर एफपीआई के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन करने का संदेह है। उसने इंडिया में इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अपनी जरूरत के हिसाब से ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी तैयार की। फिर इस स्ट्रेटेजी के इस्तेमाल से इंडियन मार्केट्स में खूब पैसे बनाए। सेबी ने इसे मैनिपुलेटिव ट्रेड स्ट्रेटेजी करार दिया है। सेबी की तरफ से जेन स्ट्रीट के खिलाफ जारी अंतरिम आदेश में कहा गया है कि उसने इंडिया में अपनी सब्सिडियरी कंपनी जेएसआई इनवेस्टमेंट्स के जरिए कैश मार्केट्स में बड़े पैमाने पर सेम डे ट्रेड्स किए, जिसकी इजाजत एफपीआई नियमों के तहत नहीं है।

जेन स्ट्रीट ने बनाई कॉम्पलेक्स ट्रेडिंग स्टेटेजी

Jane Street ने 17 जनवरी, 2024 को कथित रूप से Bank Nifty के स्टॉक्स और फ्यूचर्स में एक कॉम्पलेक्ट टू-फेज ट्रेड किए। सेबी ने इसे 'पैच 1' बताया है, जिसमें जेन स्ट्रीट ने सुबह में काफी ज्यादा शेयर और फ्यूचर्स खरीदे, जिससे कुछ समय के लिए Bank Nifty काफी ऊपर चला गया। फिर दिन में 'पैच 2' के तहत उसने जमकर बिकवाली की और अपने पोजीशन रिवर्स कर दिए। इससे बैंक निफ्टी गिर गया। इससे कंपनी को कैश और फ्यूचर्स सेगमेंट में तो 61.6 करोड़ से ज्यादा का लॉस हुआ। लेकिन सेबी का कहना है कि जेन स्ट्रीट को असली कमाई ऑप्शंस मार्केट से हुई।


ऑप्शंस में पोजीशन से हुआ असर मुनाफा

सेबी ने शुरुआती जांच में यह पाया है कि जेन स्ट्रीट के ट्रेडिंग पैटर्न को अलग से देखने पर कोई खास बात नजर नहीं आती है। ट्रेड्स के साइज, एग्जिक्यूशन का तरीका और इससे जुड़े ट्रांजेक्शन को देखने से पता चलता है कि अंडरलाइंड मार्केट में कंपनी को लॉस हुआ होगा। लेकिन, जेन स्ट्रीट ने इस ट्रेड के साथ-साथ ऑप्शंस में एक बड़ी पोजीशन ली। उसने Bank Nifty Index में कॉल बेचे और पुट्स खरीदे। इससे कीमतों में उतारचढ़ाव से कंपनी को सीधे तौर पर फायदा हुआ।

इंडिया में सब्सिडियरी कंपनियों का किया इस्तेमाल

मार्केट रेगुलेटर ने यह भी पाया है कि कैश मार्केट में रिवर्स ट्रेड्स जेन स्ट्रीट की सब्सिडियरी JSI Investments के जरिए किए गए। इससे नियम के उल्लंघन को लेकर सवाल खड़े होते हैं। इसकी वजह यह है कि FPI को SEBI (FPI) Regulations, 2019 के तहत इंट्राडे ट्रेड करने की मनाही है। सभी एफपीआई ट्रांजेक्शंस को सेटल करना जरूरी है और एक ही ट्रेडिंग सेशन में उन्हें स्केवेयर ऑफ नहीं किया जा सकता।

यह भी पढ़ें: Jane Street रेवेन्यू में गोल्डमैन सैक्स जैसी कंपनियों से निकली आगे, जानिए फर्श से अर्श पर पहुंचने की दिलचस्प कहानी

व्यापक जांच में मैनिपुलेशन के और मामले आ सकते हैं

सेबी ने अभी जेन स्ट्रीट के खिलाफ अंतरिम आदेश दिया है। लेकिन, रेगुलेटर के सूत्रों का कहना है कि आगे इस मामले में बड़े एक्शंस दिख सकते हैं। मामले की पूरी जांच के बाद दूसरे इंडेक्स डेरिवेटिव्स में भी मैनिपुलेशन का मामला सामने आ सकता है। अभी जेन स्ट्रीट का इंडिया में सरकार की सिक्योरिटीज में जो 15,000 करोड़ रुपये का मार्जिन फंड है, उसका इस्तेमाल हो सकता है। सेबी 56 करोड़ डॉलर के गलत मुनाफे की वसूली के लिए इस पैसे का इस्तेमाल कर सकता है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jul 04, 2025 2:42 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।