Jaro Institute IPO Listing: जारो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के आईपीओ की आज लिस्टिंग हुई। इस आईपीओ में बोली लगाने वाले निवेशकों को निराशा हाथ लगी। ₹450 करोड़ के इस आईपीओ को 22 गुना का जबरदस्त सब्सक्रिप्शन मिला था। हालांकि इसके शेयर NSE पर अपने इश्यू प्राइस ₹890 प्रति शेयर के बराबर ही लिस्ट हुए। यानी इसकी लिस्टिंग बिल्कुल फ्लैट रही। लिस्टिंग होते ही निवेशकों का उत्साह ठंडा पड़ गया और शेयर तुरंत लगभग 10% से ज्यादा गिर गया।
सब्सक्रिप्शन में दिखा था जबरदस्त उत्साह
23 सितंबर से 25 सितंबर के बीच खुले इस आईपीओ को सभी श्रेणियों में जोरदार डिमांड मिली थी। संस्थागत और गैर-संस्थागत निवेशकों ने सब्सक्रिप्शन खूब बोली लगाई और दोनों के हिस्से 35 गुना से अधिक बुक हुए। रिटेल निवेशकों के सेगमेंट में भी अच्छी मांग दर्ज की गई, जो 8.7 गुना सब्सक्राइब हुआ। कुल मिलाकर, इस इश्यू में ₹170 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹280 करोड़ का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) शामिल था। इस भारी सब्सक्रिप्शन ने निवेशकों के बीच लिस्टिंग गेन की तगड़ी उम्मीद जगाई थी।
ग्रे मार्केट के संकेत हुए विफल
लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट (GMP) में जारो इंस्टीट्यूट के शेयर ₹43 प्रति शेयर के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे, जिसने मामूली लिस्टिंग गेन की संभावना जताई थी। लेकिन, लिस्टिंग होते ही इन अटकलों पर पानी फिर गया। शेयर ने ₹890 पर सपाट शुरुआत की और उसके तुरंत बाद तेजी से नीचे गिर गया।
अब कंपनी के बारे में जानिए
जारो इंस्टीट्यूट 2009 में स्थापित एक एडटेक कंपनी है जो उच्च शिक्षा और कार्यकारी अपस्किलिंग कार्यक्रमों में विशेषज्ञता रखती है। यह कंपनी अपने कोर्सेज को पेश करने के लिए आईआईटी (IITs) और आईआईएम (IIMs) सहित भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी करती है। फ्रेश इश्यू से जुटाए गए धन में से ₹81 करोड़ मार्केटिंग, ब्रांड बिल्डिंग और विज्ञापन गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, ₹45 करोड़ का उपयोग कुछ बकाया उधारों के पूर्व भुगतान या निर्धारित पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा, और शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए आवंटित की गई है।