लंबी अवधि के लिहाज से निवेश के लिए चीन से बेहतर मार्केट इंडिया है। यह कहना है कि Christopher Wood का। वुड Jefferies में इक्विटी स्ट्रेटेजी के ग्लोबल हेड हैं। उन्होंने 'GREED & fear' नाम के अपने बहुत लोकप्रिय न्यूजलेटर में यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि सीधे तौर पर चीन के मुकाबले ज्यादा अच्छी लॉन्ग-टर्म स्टोरी है। उन्होंने कहा है कि यही वजह है कि ग्रीड एंड फीयर के पोर्टफोलियो में जापान को एशिया की हिस्सेदारी 39 फीसदी है। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया है कि उनका मतलब यह नहीं है कि चीन निवेश करने लायक मार्केट नहीं है।
चीन में बेहतर हो रहे हालात
वुड ने चीन से आने वाले संकेतों का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि चीन में सरकार की तरफ से मिल रहे संकेतों से ऐसा लगता है कि चीन जल्द रिकवरी के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। Evergrande क्राइसिस के बाद से चीन में रियल एस्टेट सेक्टर को बहुत झटका लगा था। चीन ने कोरोना को लेकर अपनी पॉलिसी को भी बदलने का फैसला किया है। वह आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से सामान्य बनाने की कोशिश कर रहा है।
सरकार एप्रोच में बदलाव का संकेत दे चुकी है
Greed & fear में कहा गया है, "हाल में हुई नेशनल पीपल्स कांग्रेस (NPC) की मीटिंग से यह साफ हो गया है कि चीन फिर से तेज ग्रोथ के रास्ते पर बढ़ना चाहता है। पिछले साल के झटके से वह उबरने की कोशिश कर रहा है। वह रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी सेक्टर को सपोर्ट करने के लिए भी तैयार है।"
चीन में मौकों की कमी नहीं
वुड का भरोसा चीन की सरकार पर दिख रहा है। चीन के प्राइवेट सेक्टर को लेकर भी उनकी सोच पॉजिटिव है। इसकी वजह यह है कि चीन में 80 फीसदी नौकरियां और ज्यादातर वेल्थ क्रिएशन प्राइवेट सेक्टर के तहत आती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन के अमीर वर्ग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर अविश्वास है। चीन में इस बात को लेकर किसी को मतभेद नहीं है कि वहां पॉलिसी बनाने में एक आदमी की सबसे ज्यादा भूमिका है। यह पिछले साल की कोविड पॉलिसी के बात खुलकर सामने आ गई है। इस महामारी को लेकर चीन की पॉलिसी में यू-टर्न से यह पता चलता है कि पिछले साल अक्टूबर में हुई कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना मीटिंग में जिनपिंग की लगातार सत्ता में बने रहने को लेकर सवाल उठे थे।
न्यूजलेटर में कहा गया है कि चीन के कई अरबपतियों ने सिंगापुर में फैमिली ऑफिस बनाए हैं। लेकिन, जिन लोगों ने बड़ी कमाई नहीं की है, उनके लिए अब भी चीन के बाजार में बहुत मौके हैं। यही वजह है कि अमीर लोग भी अपना कुछ पैसा अपने देश में निवेश कर रहे हैं।