गुरुवार की बिकवाली के बाद 17 मार्च को मेटल शेयरों में कुछ तेजी लौटती दिखी। स्टील बनाने वाली कंपनियों और सरकार के बीच पीएलआई योजना के तहत कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर होने के साथ ही आज निवेशक स्टील स्टॉक्स में खरीदारी करते दिखे। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योर्तिरादित्य सिंधिया ने स्पेशलिटी स्टील के लिए पीएलआई स्कीम के एमओयू पर हस्ताक्षर मौके पर कहा कि सरकार देश में वैल्यू एडेड स्टील के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्पेशलिटी स्टील के लिए के लिए पीएलआई योजना के दूसरे चरण को पेश करने की योजना बना रही है।
27 स्टील कंपनियों ने इस्पात मंत्रालय के साथ 57 एमओयू पर किए हस्ताक्षर
27 स्टील कंपनियों ने इस्पात मंत्रालय के साथ 57 एमओयू पर हस्ताक्षर किए है। ये कंपनियां कोटेड या प्लेटेड स्टील प्रोडक्ट या वीयर रेजिस्टेस स्टील, स्पेशियालिटी रेल, एलॉय स्टील प्रोडक्ट, स्टील वायर और इलेक्ट्रिकल स्टील जैसे प्रोडक्ट बनाएंगी। इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल व्हाइट गुड्स, ऑटोमोबाइल और डिफेंस, औद्योगिक मशीनरी जैसे सेक्टरों में होता है। इन करारों से घरेलू स्टील सेक्टर में 30000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने की संभावना जिससे सालाना 25 मिलियन टन की क्षमता वृद्धि होगी।
बता दें कि पीएलआई योजना को घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ावा देने के उपाय के रूप में देखा जाता है। पीएलआई योजना को देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने, नई उत्पादन इकाई लगाने और पुरानी इकाइयों का विस्तार करने के लिए घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित करने और आयात में कटौती करने के उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्टील शेयरों में दिखी तेजी
बीएसई पर आज टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और कल्याणी स्टील्स के शेयरों में 2-4 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। निफ्टी का मेटल इंडेक्स आज 2.39 फीसदी की बढ़त के साथ 5602.60 के स्तर पर बंद हुआ है।
जानिए क्या है एनालिस्ट्स की राय
इसके विपरीत एनालिस्ट्स का मानना है कि पीएलआई के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन की मात्रा कम है। एनालिस्ट्स की आमधारणा यह है कि इससे छोटी कंपनियों को तो फायदा हो सकता है। लेकिन ये बड़ी कंपनियों के लिए उतना फायदेमंद साबित नहीं हो सकता क्योंकि सामान्य स्टील की तुलना में स्पेशियालिटी स्टील का बाजार छोटा है।
इलारा सिक्योरिटीज इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रवि सोढा का भी मानना है कि इस कदम का कोई बड़ा असर नहीं होगा क्योंकि स्टील सेक्टर को पीएलआई स्कीम के तहत दिये जाने वाले प्रोत्साहन पैकेज की मात्रा बहुत कम है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इससे पीएलआई के तहत आने वाली कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में मामूली सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
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