Jefferies ने इंडियन मार्केट्स को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी, कहा-बैंक, हेल्थकेयर और टेलीकॉम का प्रदर्शन अच्छा रहेगा

जेफरीज ने कंज्यूमर स्टेपल्स सेक्टर को डाउनग्रेड किया है। उसने अपने पोर्टफोलियो में भी बदलाव कर Godrej Consumer का वेटेज घटाया है। उसने हेल्थकेयर सेक्टर में भी फिर से ऐलोकेशन किया है। Apollo Hospitals की जगह Max Healthcare को शामिल किया है

अपडेटेड Nov 01, 2024 पर 2:14 PM
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इंडियन मार्केट में इक्विटी की स्ट्रॉन्ग डिमांड के बीच शेयरों की सप्लाई बढ़ी है। पिछले चार महीनों में शेयरों की सप्लाई हर महीने करीब 7 अरब डॉलर की रही है।

जेफरीज इंडियन स्टॉक मार्केट्स को लेकर सावधानी बरत रही है। हालांकि, इसने बैंक, टू-व्हीलर्स, हेल्थकेयर और टेलीकॉम के बारे में अपना पॉजिटिव आउटलुक बनाए रखा है। जेफरीज ने दूसरी तिमाही के नतीजों का ट्रेंड देखने के बाद आईटी सेक्टर पर अपनी रेटिंग बढ़ा दी है। अपने मॉडल पोर्टफोलियो में कोफोर्ज को शामिल किया है। इसकी वजह हाल में आए अमेरिकी इकोनॉमी के बेहतर आंकड़े हैं। अमेरिका में फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में बड़ी कटौती करने की उम्मीद घटी है। कुल मिलाकर अमेरिका में आईटी कंपनियों के लिए अनुकूल स्थितियां बन रही हैं।

कंज्यूमर स्टेपल्स स्टॉक्स पर भरोसा

जेफरीज ने कंज्यूमर स्टेपल्स सेक्टर को डाउनग्रेड किया है। उसने अपने पोर्टफोलियो में भी बदलाव कर Godrej Consumer का वेटेज घटाया है। उसने हेल्थकेयर सेक्टर में भी फिर से ऐलोकेशन किया है। Apollo Hospitals की जगह Max Healthcare को शामिल किया है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि मैक्स हेल्थकेयर में ग्रोथ की ज्यादा संभावना दिखती है। कंपनी बेड की संख्या बढ़ा रही है। बिजनेस के विस्तार के लिए अधिग्रहण भी कर रही है। इसकी EV/EBITDA वैल्यूएशन अपोलो जितनी है।


हर महीने 7 अरब डॉलर मूल्य की सप्लाई

इंडियन मार्केट में इक्विटी की स्ट्रॉन्ग डिमांड के बीच शेयरों की सप्लाई बढ़ी है। पिछले चार महीनों में शेयरों की सप्लाई हर महीने करीब 7 अरब डॉलर की रही है। इससे इस साल शेयरों की कुल सप्लाई बढ़कर 60 अरब डॉलर पहुंच गई है। घरेलू बाजार में शेयरों की अच्छी सप्लाई आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, यह अपने पीक के करीब पहुंच गई है। इसके अलावा परिवारों की सेविंग्स में 2024 में शेयरों की हिस्सेदारी अब OECD के लेवल के करीब पहुंच रही है। इसका मतलब है कि शेयर बाजार में परिवारों का पार्टिसिपेशन काफी बढ़ा है।

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सितंबर के आखिर से जारी है गिरावट

शेयरों की डिमांड और सप्लाई बढ़ने के बावजूद जेफरीज शॉर्ट टर्म में इंडियन मार्केट्स को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। यह जेफरीज के रुख में बदलाव का संकेत है। इससे पहले काफी समय तक जेफरीज का रुख इंडियन मार्केट्स को लेकर काफी पॉजिटिव बना हुआ था। वह इंडियन मार्केट्स को सबसे अच्छे रिटर्न की संभावना वाले मार्केट्स के रूप में देख रही थी। सितंबर के आखिर से इंडियन मार्केट्स में गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ था। यह पूरे अक्ट्बर में जारी रहा।

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