इंडियन मार्केट्स में अगले कुछ सालों में बड़ा विदेशी निवेश आने वाला है। जेपी मॉर्गन के जेम्स सुलिवन ने यह उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में इंडिया में 100 अरब डॉलर के निवेश की संभावना है। उन्होंने कहा कि इंडिया में अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी है। इंडिया को सप्लाई-चेन रिलोकेशन का भी फायदा मिलेगा। इंडिया में निवेश करने के मामले में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पिछड़ गए हैं।
घरेलू निवेश की बदौलत चढ़ा है मार्केट
सुलिवन ने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में इंडियन मार्केट में आई तेजी की वजह 'DIY Story' को बताया। इसका मतलब है कि इंडियन मार्केट में आई तेजी के पीछे घरेलू निवेशकों, फंड हाउसेज और इंस्टीट्यूशंस का हाथ है। उन्होंने कहा कि आगे यह तेजी और जोर पकड़ सकती है। वैल्यूएशन के बारे में उन्होंने कहा कि इंडियन कंपनियों ने पूंजीगत खर्च बढ़ाया है, जिससे इंडिया में अर्निंग्स ग्रोथ काफी स्ट्रॉन्ग रही है। इसकी वजह एफडीआई नहीं है। इसलिए वैल्यूशन ठीक है।
2025 की शुरुआत में नया निवेश देखने को मिलेगा
उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों का आक्रामक निवेश इंडियन मार्केट में देखने को नहीं मिला है। इसलिए इस निवेश के शुरू होने पर मार्केट चढ़ेगा। चीन में राहत पैकेज के उपायों पर उन्होंने कहा कि चीन में शेयरों की वैल्यूएशन कम है लेकिन अर्निंग्स ग्रोथ भी कम रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत विदेशी निवेशक इंडिया के स्ट्रॉन्ग प्रदर्शन को देखते हुए अपनी पॉजिशन पर विचार कर सकते हैं। इससे 2025 की शुरुआत में नए रिस्क वाले एलोकेशन देखने को मिल सकते हैं।
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डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ाने से हुआ फायदा
इंडियन मार्केट में आई तेजी की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की पॉलिसी का फायदा शेयरों को मिला है। इनमें पूंजीगत खर्च बढ़ाने के साथ ही डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा फोकस शामिल हैं। सप्लाई चेन जैसे कुछ सेक्टर में अभी विदेश निवेश का इंतजार है।