वायदा में एक्सपायरी का स्ट्रक्चर बदलने से एक्सचेंज के वॉल्यूम पर काफी असर दिख रहा है। वॉल्यूम में कमी से क्या BSE के रेवेन्यू और मुनाफे पर भी फर्क पड़ सकता है ? इस मुद्दे पर सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने BSE के MD&CEO सुंदररामन राममूर्ति से खास बातचीत की। इस बातचीत में सुंदररामन राममूर्ति ने कहा कि वायदा सेगमेंट में BSE तुलनात्मक तौर पर नया है।वायदा में बैंकेक्स काफी नया इंडेक्स है। बैंकेक्स में बैंक निफ्टी जैसे वॉल्यूम की उम्मीद नहीं है। बैंकेक्स की मंथली एक्सपायरी में वॉल्यूम काफी घटे हैं।
क्या BSE के वॉल्यूम पर काफी असर पड़ेगा। क्या BSE के नतीजे पिछली तिमाही में पीक पर पहुंच गए?
इसके जवाब में सुंदररामन राममूर्ति ने कहा कि नतीजों पर अमूमन फ्यूचर्स का गाइडेंस नहीं देते हैं। प्रीमियम क्वॉलिटी में सुधार की उम्मीद है। लॉट साइज बढ़ने का असर प्रीमियम पर दिखेगा। कॉन्ट्रैक्ट घटने से एक्सचेंज की लागत घटेगी। सेंसेक्स में वॉल्यूम बढ़ाने की कोशिश है। सेंसेक्स एक्सपायरी मंगलवार को शिफ्ट कर रहे हैं। रेवेन्यू और मुनाफे में कमी का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी।
एक्सपायरी में बदलाव से क्या आपके मुनाफे पर चोट पहुंचेगी?
इसके जवाब में राममूर्ति ने कहा कि वायदा के मामले में BSE अभी कैच-अप मोड में है मुनाफे पर असर समझने के लिए अप्रैल तक इंतजार करना चाहिए।
क्या तीसरे इंडेक्स MSE के रिवाइवल की उम्मीद है?
इस सवाल का जवाब देते हुए सुंदररामन राममूर्ति ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में कई और प्रोडक्ट की गुंजाइश है। MSE के रिवाइवल के संकेत अच्छे हैं। बाजार के लिहाज से नई एक्सपायरी आना अच्छा रहेगा।
BSE के शेयर पर नजर डालें तो 12:35 बजे के आसपास ये शेयर 135.55 रुपए यानी 2.49 फीसदी की बढ़त के साथ 5306.80 रुपए के स्तर पर दिख रहा है। आज ये शेयर 5,473.50 के स्तर पर खुला था। वहीं, कल 5,442.35 के स्तर पर बंद हुआ था। आज का इसका दिन का हाई 5,491.60 रुपए और दिन का लो 5,302.00 रुपए है। स्टॉक का 52 वीक हाई 5,837.95 रुपए है। 1 हफ्ते में ये शेयर 4.16 फीसदी टूटा है। वहीं, 1 महीने में इसमें 18.76 फीसदी की गिरावट आई है। 1 साल में ये शेयर 134.38 फीसदी और 3 साल में 768.62 फीसदी भागा है।