मार्केट खुलते ही इस शेयर पर रखें ध्यान, कंपनी में 'गड़बड़ियों' के चलते बोर्ड से एक डायरेक्टर का इस्तीफा

Stock in Focus: किसी कंपनी की कारोबारी सेहत इसके शेयरों की चाल पर भी असर डालती है। सिर्फ कारोबारी सेहत ही नहीं, कंपनी में काम किस तरीके से हो रहा है, इस पर भी शेयरों की चाल तय होती है। यहां एक ऐसी कंपनी की डिटेल्स दी जा रही है, जिसके एक स्वतंत्र निदेशक ने कॉरपोरेट गवर्नेंस इश्यू के चलते इस्तीफा दे दिया है। चेक करें कि क्या आपके पोर्टफोलियो में यह स्टॉक है?

अपडेटेड Sep 15, 2025 पर 7:53 AM
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KRBL के शेयरों पर आज निवेशकों की नजर रहेगी। इसकी वजह ये है कि कंपनी के बोर्ड में शामिल एक स्वतंत्र निदेशक अनिल कुमार चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने अपना इस्तीफा कॉरपोरेट गवर्नेंस इश्यू का हवाला देते हुए दिया है।

KRBL Shares: देश के बाहर चावल सप्लाई करने वाली यानी राइस एक्सपोर्टर केआरबीएल के शेयरों पर आज निवेशकों की नजर रहेगी। इसकी वजह ये है कि कंपनी के बोर्ड में शामिल एक स्वतंत्र निदेशक अनिल कुमार चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने अपना इस्तीफा कॉरपोरेट गवर्नेंस इश्यू का हवाला देते हुए दिया है। उन्होंने बोर्ड को लिखा है कि इसका मौजूदा सिस्टम प्रभावी गवर्नेंस और इंडेपेंडेंट के सिद्धांतों के हिसाब से नहीं है, जो स्टेकहोल्डर्स के हितों के लिए काफी अहम है। इसका असर आज कंपनी के शेयरों पर दिख सकता है। अभी इसके शेयर ₹444.10 के भाव पर हैं। पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 12 सितंबर को बीएसई पर यह 0.68% टूटकर बंद हुआ था।

बता दें कि अनिल कुमार चौधरी के इस्तीफे के बारे में कंपनी ने पिछले हफ्ते ही 9 सितंबर को खुलासा कर दिया था। हालांकि अनिल ने बोर्ड को जो पत्र लिखा है, उसके बारे में एक्सचेंज फाइलिंग में खुलासा रविवार को ही हुआ। अनिल कुमार चौधरी का कहना है कि कंपनी में असहमतियों को दबा दिया जा रहा है, या सुनी नहीं जा रही है, ऐसे माहौल में बोर्ड में बने रहना उनके प्रोफेशनल एथिक्स और इंडियन कॉरपोरेट गवर्नेंस कोड्स के तहत दायित्वों से समझौता होगा। इस वजह से उनका कहना है कि उन्होंने इस्तीफा का फैसला लिया है।

क्या इश्यू उठाए गए हैं?


अनिल कुमार चौधरी ने बोर्ड को लिखे पत्र में बोर्ड और कमेटी की बैटकों के मिनट्स के रिकॉर्डिंग में अनियमितताओं का जिक्र किया है। इसके अलावा इसमें जानकारी छिपाए जाने की भी बात कही गई है जिससे फैसला लेने की क्षमता पर असर पड़ा। अनिल कुमार चौधरी का कहना है कि बिना पर्याप्त विचार-विमर्श के कुछ एक्सपोर्ट रिसीवेबल्स को अनुचित तरीके से राइट-ऑफ किया गया यानी बट्टे खाते में डाल दिया गया।

लेटर में सीएसआर फंड्स के इस्तेमाल से जुड़ी चिंताओं का भी जिक्र है। साथ ही कुछ व्यक्तियों को मनमाना वैरिएबल पे और एनुअल इंक्रीमेंट्स देने पर भी सवाल उठाया गया है। अनिल कुमार चौधरी का आरोप है कि बिना व्यापक चर्चा के ऑब्जेक्ट क्लॉज में अहम बदलाव कर दिए गए। साथ ही उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं कि बोर्ड और कमेटी की बैठकों की कार्यवाही में बुलाए गए लोगों ने अनुचित तरीके से हस्तक्षेप किया।

एक साल में कैसी रही KRBL के शेयरों की चाल?

केआरबीएल के शेयर 7 अप्रैल 2025 को ₹225.70 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इस निचले स्तर से चार ही महीने में यह 119.32% उछलकर पिछले महीने 22 अगस्त 2025 को ₹495.00 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। इस प्रकार महज चार ही महीने में इसने निवेशकों के पैसों को दोगुना से अधिक कर दिया।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

Jeevan Deep Vishawakarma

Jeevan Deep Vishawakarma

First Published: Sep 15, 2025 7:27 AM

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