Leela Hotels Share Listing: लीला ब्रांड के तहत लग्जरी होटल और रिसॉर्ट चेन चलाने वाली श्लॉस बैंगलोर की शेयर बाजार में लिस्टिंग निराश करने वाली रही। 2 जून को BSE पर शेयर IPO प्राइस 435 रुपये से 6.55 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 406.50 रुपये पर लिस्ट हुए। NSE पर शेयरों ने 6.67 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 406 रुपये पर शुरुआत की। Leela Hotels IPO 3,500 करोड़ रुपये का था।
पब्लिक इश्यू 26 मई को खुला और 28 मई को बंद हुआ। IPO 4.72 गुना भरा। 23 मई को कंपनी ने एंकर बुक के जरिए 1,575 करोड़ रुपये जुटाए। लीला ग्रुप की स्थापना कैप्टन सी. पी. कृष्णन नायर ने 1986 में की थी। उन्होंने अपनी पत्नी लीला के नाम पर इस समूह का नाम रखा था। अक्टूबर 2019 में फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह से लीला ग्रुप ने अपने प्रमुख होटलों का मैनेजमेंट और संपत्ति कनाडा की कंपनी ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट को करीब 3950 करोड़ रुपये में बेच दी।
IPO में थे 2500 करोड़ रुपये के नए शेयर
फिलहाल लीला पैलेस होटल्स एंड रिसॉर्ट्स ब्रांड का संचालन ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के निवेश वाली श्लॉस बैंगलोर लिमिटेड करती है। लीला होटल्स के IPO में 2,500 करोड़ रुपये के 5.75 करोड़ नए शेयर जारी हुए। साथ ही प्रमोटर प्रोजेक्ट बैले बैंगलोर होल्डिंग्स (DIFC) की ओर से 1,000 करोड़ रुपये के 2.30 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल था। श्लॉस बैंगलोर भारत में 3,553 होटलों के साथ 13 लग्जरी होटलों का संचालन करती है।
एनालिस्ट्स को पहले से ही लीला होटल की ठंडी लिस्टिंग का अनुमान था। उनका सुझाव है कि निवेशकों को लंबी अवधि के लिए स्टॉक को अपने पास रखना चाहिए। हेन्सेक्स सिक्योरिटीज में एवीपी-रिसर्च एंड बिजनेस डेवलपमेंट महेश एम ओझा ने कहा कि शॉर्ट टर्म निवेशकों को अपनी उम्मीदों को कम रखना चाहिए। कंपनी की ब्रांड पहचान मजबूत है, लेकिन लिस्टिंग गेन का पीछा न करने की सलाह दी जाती है। भारत के लग्जरी होटल उद्योग की लॉन्ग टर्म क्षमता में विश्वास रखने वाले निवेशक स्टॉक को होल्ड करने पर विचार कर सकते हैं।
मेहता इक्विटीज ने भी फ्लैट लिस्टिंग का अनुमान जताया था। लेकिन वह स्टॉक को एक अच्छे लॉन्ग टर्म अवसर के रूप में देखती है। ब्रोकरेज के मुताबिक, "लीला होटल्स भारत के लग्जरी ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी स्पेस में संरचनात्मक विकास से फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। जिन निवेशकों को शेयर अलॉट हुए हैं, उन्हें लंबी अवधि के हिसाब से स्टॉक को होल्ड करने की सलाह दी जाती है। जिन्हें शेयर अलॉट नहीं हुए, वे अच्छी वैल्यूएशन पर इसे लेने के लिए लिस्टिंग के बाद करेक्शन का इंतजार कर सकते हैं।"
लीला होटल्स के प्रमोटर्स में प्रोजेक्ट बैले बैंगलोर होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, BSREP III जॉय (टू) होल्डिंग्स (DIFC) लिमिटेड, BSREP III ताडोबा होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, प्रोजेक्ट बैले चेन्नई होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, प्रोजेक्ट बैले गांधीनगर होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड, प्रोजेक्ट बैले HMA होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड और प्रोजेक्ट बैले उदयपुर होल्डिंग्स (DIFC) प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल
लीला होटल्स के IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल कंपनी और इसकी कुछ सब्सिडियरी जैसे कि श्लॉस चाणक्य, श्लॉस चेन्नई, श्लॉस उदयपुर और TPRPL के कर्ज को पूरी तरह से या कुछ हद तक चुकाने और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। श्लॉस बैंगलौर लिमिटेड का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024-25 में 15 प्रतिशत बढ़कर 1,406.56 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 1,226.50 करोड़ रुपये था। शुद्ध मुनाफा 47.66 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 के आखिर तक कंपनी पर 3,908.75 करोड़ रुपये की उधारी थी।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।