Lenskart Shares: लेंसकार्ट का शेयर 38% तक दे सकता है रिटर्न, जेफरीज ने ‘Buy’ रेटिंग के साथ लगाया दांव

Lenskart Share Price: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) ने लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड के शेयरों को ‘BUY’ (खरीदें) की रेटिंग के साथ कवर करना शुरू किया है। ब्रोकरेज ने हाल ही में लिस्ट में हुई इस कंपनी के शेयर के लिए 500 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है, जो इसमें मौजूदा स्तर से लगभग 23 प्रतिशत की तेजी का अनुमान है

अपडेटेड Nov 28, 2025 पर 10:48 AM
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Lenskart Share Price: लेंसकार्ट के पास देश के करीब 9 अरब डॉलर के आईवियर मार्केट का केवल 5% हिस्सा है

Lenskart Share Price: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) ने लेंसकार्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड के शेयरों को ‘BUY’ (खरीदें) की रेटिंग के साथ कवर करना शुरू किया है। ब्रोकरेज ने हाल ही में लिस्ट में हुई इस कंपनी के शेयर के लिए 500 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है, जो इसमें मौजूदा स्तर से लगभग 23 प्रतिशत की तेजी का अनुमान है। हालांकि जेफरीज ने अपने बुल केस में इस शेयर के 560 रुपये के टारगेट तक जाने का अनुमान जताया है, जो इसमें मौजूदा स्तरों से करीब 38 प्रतिशत की उछाल होगी।

जेफरीज का कहना है कि लेंसकार्ट, तकनीक पर फोकस करने वाली देश की सबसे बड़ी आईवियर कंपनी है, लेकिन इसके पास अभी भी देश के करीब 9 अरब डॉलर के आईवियर मार्केट का केवल 5% हिस्सा है। ऐसे में कंपनी के पास विस्तार की विशाल संभावनाएं मौजूद हैं।

ब्रोकरेज ने बताया कि लेंसकार्ट का वर्टिकली इंटीग्रेटेड और ओम्नी-चैनल मॉडल उसे लागत कम करने, ऑर्डर तेजी से पूरा करने और ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने में मदद करता है।


भारत रहेगा लेंसकार्ट की कमाई की रीढ़

जेफरीज का अनुमान है कि कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) का 85% से अधिक हिस्सा भारत से आएगा। वहीं, उसका ओवरसीज बिजनेस लंबे समय में अतिरिक्त ग्रोथ का मौका देगा।

ब्रोकरेज के मुताबिक, तेजी से मजबूत होते यूनिट इकनॉमिक्स और स्टोर्स की तेजी से होने वाली लागत रिकवरी लेंसकार्ट के एडजस्टेड EBITDA को FY25 से FY28 के बीच 50% से ज्यादा CAGR की दर से बढ़ा सकती है। इसमें कंपनी की प्रीमियम प्राइसिंग पावर, ऑपरेशनल लेवरेज और मार्जिन में सुधार बड़ी भूमिका निभाएंगे।

जेफरीज ने कहा कि लेंसकार्ट की सबसे बड़ी ताकत इसकी पूरी वैल्यू चेन पर पकड़ है। कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग हब भारत, सिंगापुर और दुबई में हैं। इसके एक्सपीरियंस सेंटर वाले स्टोर फॉर्मेट से कैपिटल एक्सपेंडिचर कम होता है और लागत के तेजी से रिकवरी में मदद मिलती है। इसके लगभग 80% स्टोर एक साल के भीतर लागत वसूल कर लेते हैं। यह मॉडल अनऑर्गनाइज्ज सेक्टर के मुकाबले अधिक कुशल है, जहां कस्टमाइज्ड प्रिस्क्रिप्शन आईवियर बनाना जटिल और समय लेने वाला होता है।

सालाना 13% दर से बढ़ रहा आईवियर मार्केट

जेफरीज का कहना है कि भारत का आईवियर सेक्टर सालाना लगभग 13% दर से बढ़ रहा है, लेकिन अब भी यह बाजार काफी अंडरपेनिट्रेटेड है। 70% से ज्यादा हिस्सा प्रिस्क्रिप्शन चश्मों का है, और यह मांग लगातार बढ़ रही है। लंबे समय तक स्क्रीन के इस्तेमाल, प्रदूषण और बढ़ती उम्र जैसे कारणों से आंखों की समस्याएं लगातार बढ रही हैं।

आईवियर मार्केट में संगठित बाजार की हिस्सेदारी सिर्फ 24% है, जहां लेंसकार्ट अपने 2,100 से अधिक स्टोर्स के साथ सबसे बड़ा प्लेयर है। इसके बावजूद, लेंसकार्ट के पास सिर्फ 5% मार्केट शेयर है, जो यह बताता है कि कंपनी के पास आगे बढ़ने की बहुत बड़ी गुंजाइश मौजूद है।

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