Lenskart IPO Listing: आईवियर कंपनी लेंसकार्ट के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में डिस्काउंट पर एंट्री हुई। हालांकि इसके आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 28 गुना से अधिक बोली मिली थी। ग्रे मार्केट से इसकी कमजोर लिस्टिंग के संकेत मिल रहे थे और GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) आईपीओ खुलने से कुछ दिन पहले आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से करीब 27% पर था लेकिन धीरे-धीरे उठा-पटक के साथ लिस्टिंग के पहले तक यह ढाई फीसदी तक आ गया। हालांकि हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट की बजाय लिस्टिंग के दिन मार्केट सेंटिमेंट और कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही लिस्टिंग गेन तय होता है।
आईपीओ के तहत ₹402 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹390.00 और NSE पर ₹395.00 पर एंट्री हुई यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला बल्कि लिस्टिंग पर करीब 3% पूंजी ही घट गई। आईपीओ निवेशकों को और झटका तब लगा, जब शेयर और नीचे आए। टूटकर BSE पर यह ₹355.70 (Lenskart Share Price) पर आ गया। हालांकि निचले स्तर पर शेयरों ने रिकवरी की और यह ₹413.80 तक पहुंच गया। दिन के आखिरी में बीएसई पर यह ₹403.30 पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 0.32% मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक मुनाफे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर ₹19 के डिस्काउंट पर मिला है।
Lenskart IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
लेंसकार्ट सॉल्यूशंस का ₹7,278.76 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक खुला था। इस आईपीओ को हर कैटेगरी के निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 28.27 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 40.36 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 18.23 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 7.56 गुना और एम्प्लॉयीज का हिस्सा 4.96 गुना भरा था।
इस आईपीओ के तहत ₹2,150.74 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹2 की फेस वैल्यू वाले 12,75,62,573 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले फाउंडर शेयरहोल्डर्स सॉफ्टबैंक और टेमासेक को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹272.62 करोड़ नए कोको स्टोर बनाने, ₹591.44 करोड़ कोको स्टोर्स के लीज/रेंट/लाइसेंस एग्रीमेंट, ₹213.38 करोड़ टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रा, ₹320.06 करोड़ मार्केटिंग और बाकी पैसे अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में खर्च होंगे।
वर्ष 2008 में बनी लेंसकार्ट एक आईवियर कंपनी है जिसकी देश के मेट्रो, टियर-1 और टियर-2 शहरों में मौजूदगी है और साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया और मिडिल ईस्ट में भी इसका कारोबार फैला हुआ है। मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में इसके 2,067 स्टोर्स हैं और विदेशों में 656 स्टोर्स हैं। इसकी रिमोट आई टेस्टिंग भारत के साथ-साथ जापान और थाईलैंड समेत भारत के बाहर के 168 स्टोर्स पर 136 ऑप्टोमेट्रिक्स के जरिए होती है। मैन्युफैक्चरिंग की बात करें तो यह भिवाड़ी और गुरुग्राम में है और साथ ही सिंगापुर और यूएई में इसकी रीजनल फैसिलिटीज हैं। देश के 40 शहरों में यह अगले ही दिन डिलीवरी की सुविधा मुहैया कराती है और 69 शहरों में तीन दिनों में डिलीवरी की।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹63.76 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में घटकर ₹10.15 करोड़ पर आ गया और फिर वित्त वर्ष 2025 में यह ₹297.34 करोड़ के शुद्ध मुनाफे में पहुंच गई। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 33% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹7,009.28 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में कंपनी को ₹61.17 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹1,946.10 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। जून 2025 के आखिरी में यह ₹335.48 करोड़ के कर्ज में थी जबकि रिजर्व और सरप्लस में ₹5,855.43 करोड़ पड़े थे।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।