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MapmyIndia के B2C बिजनेस अलग करने के फैसले का क्यों हो रहा विरोध?

मैपमायइंडिया ने 29 नवंबर को अपने ऑपरेशन को दो एंटिटी में बांटने का फैसला किया था। पेरेंट कंपनी सीई इंफो सिस्टम्स के पास बी2बी और बी2बी2सी बना रहेगा, जबकि नई एंटिटी के पास बी2सी सेगमेंट होगा। नई कंपनी कंज्यूमर टेक्नोलॉजी प्रोड्क्स पर फोकस करेगी

अपडेटेड Dec 05, 2024 पर 5:40 PM
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बीते 5 दिनों में मैपमायइंडिया के शेयर की कीमत 7 फीसदी गिर चुकी है। बीते एक साल में यह स्टॉक 25 फीसदी से ज्यादा गिरा है।

मैपमायइंडिया (सीई इंफो सिस्टम्स) को अपने बी2सी बिजनेस को नई एंटिटी में ट्रांसफर करने के फैसले पर विरोध का सामना करना पड़ा है। मैपमायइंडिया ने 29 नवंबर को अपने ऑपरेशन को दो एंटिटी में बांटने का फैसला किया था। पेरेंट कंपनी सीई इंफो सिस्टम्स के पास बी2बी और बी2बी2सी बना रहेगा, जबकि नई एंटिटी के पास बी2सी सेगमेंट होगा। नई कंपनी कंज्यूमर टेक्नोलॉजी प्रोड्क्स पर फोकस करेगी। इनमें ऐप, नेविगेशन टूल्स और दूसरे एंड यूजर सॉल्यूशन शामिल होंगे। मैपमायइंडिया के सीईओ रोहन वर्मा मार्च 2025 में इस्तीफा देंगे। वह नई कंपनी का नेतृत्व करेंगे।

मार्केट को पंसद नहीं आया कंपनी का फैसला

रोहन वर्मा अपने व्यक्तिगत पैसे का इस्तेमाल नई कंपनी के लिए करेंगे। उधर, मैपमायइंडिया (MapmyIndia) ने कहा है कि वह नई कंपनी में 10 फीसदी हिस्सेददारी हासिल करने के लिए करीब 10 करोड़ रुपये इनवेस्ट करेगी। कंपनी के पास अतिरिकत 35 करोड़ रुपये निवेश करने का विकल्प होगा। वह सीसीडी के जरिए यह निवेश कर सकेगी। मार्केट ने इस खबर पर निगेटिव प्रतिक्रिया दी। मार्केट का मानना है कि कंपनी के मुख्य बिजनेस को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है। इस प्रक्रिया में माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स को नुकसान हो रहा है।


शेयरों में बड़ी गिरावट

बीते 5 दिनों में मैपमायइंडिया के शेयर की कीमत 7 फीसदी गिर चुकी है। बीते एक साल में यह स्टॉक 25 फीसदी से ज्यादा गिरा है। 5 दिसंबर को कंपनी का स्टॉक 1,625 रुपये पर बंद हुआ। इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के एमडी और फाउंडर श्रीराम सुब्रमण्यम ने कहा कि इस ट्रांजेक्शन का मकसद कंपनी के एक बिजनेस को फंड उपलब्ध कराना है। इसके लिए कंपनी के फंड, डेटा और ब्रांड का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें 90 फीसदी हिस्सेदारी प्रमोटर को जाएगी। उन्होंने कहा कि अब यह देखना है कि सबसे बड़े नॉन-प्रमोटर शेयरहोल्डर PhonePe इस ट्रांजेक्शन को एप्रूव करता है या नहीं।

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शेयरहोल्डर्स की चिंता दूर करने की कोशिश

कंपनी के मैनेजमेंट ने 3 दिसंबर को बताया था कि B2C बिजनेस पर सालाना करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इसके बढ़ने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नई कंपनी में मैपमायइंडिया के फंड का निवेश नहीं होगा। रोहन वर्मा ने कहा कि बीते कुछ दिनों में माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की चिंता का पता चला है। इस वजह से मैं मैपमायइंडिया से सीसीडी का पैसा नहीं लेने जा रहा हूं। मैं इस कंज्यूमर बिजनेस के लिए अपने पैसे का इस्तेमाल करूंगा। मुझे उम्मीद है कि इससे माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की चिंता खत्म हो जाएगी।

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