आर्टफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में दिग्गज इनवेस्टर मधु केला ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि जहां तक इंडियन इनवेस्टर्स की बात है तो आने वाले सालों में वे कंपनियां स्टॉक मार्केट्स की थीम नहीं होंगी जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाती हैं, बल्कि वे होंगी जो इसका स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करेंगी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल से सभी सेक्टर की कंपनियों के कॉस्ट स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आएगा और मुनाफा कमाने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।
अगले 3-4 साल में कई क्षेत्रों में होगा एआई का इस्तेमाल
Madhusudan Kela एमके वेंचर्स के डायरेक्टर हैं। उन्होंने कहा कि अगले तीन से चार साल में फाइनेंशियल्स से लेकर ड्रग डिस्कवरी और SaaS में एआई का इस्तेमाल होने जा रहा है। उन्होंने कहा, "मैं इस चीज की काफी बारीकी से स्टडी कर रहा हूं। मैंने पाया है कि चिप या एआई मॉडल्स बनाने वाली कंपनियों को इसका सबसे ज्यादा फायदा नहीं होने जा रहा है। एआई से अगले तीन-चार सालों में स्केल और ऑपरेशन में नाटकीय फायदा होने जा रहा है।"
एआई के साथ एक नए समय की शुरुआत हो रही है
केला ने कहा कि 2000 के दशक की तरह इंटरनेट का नया समय शुरू हो सकता है। उन्होने कहा, " अगर मैंने 2000 में आपसे 'इंटरनेट' के बारे में कहा होता कि यह 25 लाख करोड़ डॉलर की वैल्यू क्रिएट करेगा तो आपको यकीन नहीं हुआ होता। Google, Facebook, हर चीज इस इंटरनेट से निकली है। एआई के साथ भी यही होने वाला है। यह कोई ऐसा बुलबुला नहीं है जो गुजर जाएगा। यह यहां टिकने वाला है।"
एआई का स्मार्ट इस्तेमाल करने वालों को ज्यादा फायदा
एमके वेंचर्स के डायरेक्टर ने कहा एआई का सबसे ज्यादा फायदा जरूरी नहीं कि उन कंपनियों को हो, जो एआई हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बनाती है बल्कि उन ट्रेडिशनल कंपनियों को होगा जो मार्जिन बढ़ाने के लिए एआई का इस्तेमाल करेंगी। इनमें खासकर HDFCI Bank और ICICI Bank जैसे बड़े बैंक शामिल होंगे। उन्हें अगले 3 सालों में एआई के इस्तेमाल से काफी ज्यादा फायदा होने वाला है। इससे उनकी कॉस्ट-टू-इनकम रेशियो में बड़ी कमी आएगी और प्रोडक्टविटी बढ़ेगी।
जो कंपनियां इंतजार करेंगी, मौका उनके हाथ के निकल जाएगा
उन्होंने कहा कि यह मौका कंपनी विशेष से जुड़ा है न कि पूरे सेक्टर से। उन्होंने कहा, "पहली कैटेगरी ऐसी कंपनियों की होगी जो प्रोग्रेसिव हैं और इसके इस्तेमाल में सक्रियता दिखाएंगी। दूसरी कैटेगरी उन कंपनियों की होगी जो बदलाव का इंतजार करना चाहेंगी। दूसरी कैटेगरी वालों के लिए कोडक मूमेंट होगा यानी उन्हें दोबारा मौका नहीं मिलेगा।"
खुद केला की कंपनी कर रही एआई का इस्तेमाल
केला ने बताया कि उनकी खुद की कपनी ने एआई का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। एआई का इस्तेमाल सिर्फ 13 मिनट में कंपनी की रिसर्च रिपोर्ट तैयार करने के लिए हो रहा है। इसमें एनालिस्ट की एक्युरेसी 80-90 फीसदी आ रही है। उन्होंने कहा, "इससे एनालिस्ट्स की नौकरी नहीं जाएगी। उसे सिर्फ इन स्किल को खीखने की जरूरत पड़ेगी। एआई की मदद से कोई व्यक्ति किसी सेक्टर में एक्सपर्ट बन सकता है। ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जो इसका स्मार्ट इस्तेमाल करेंगे।"