Market insight : मार्केट आउटलुक और अगली दिवाली तक के लिए कमाई की थीम पर चर्चा करते हुए HXGON Partners LLP के डायरेक्टर तुषार प्रधान ने कहा कि भारतीय इक्विटी में सालाना 12-15 फीसदी रिटर्न मिलता रहा है। मल्टी एसेट के अनुभव के आधार देखें तो ओवर अ पीरियड ऑफ़ टाइम सारे एसेट क्लासों की एक एवरेज रिटर्न होती है। लेकिन गोल्ड में लंबी अवधि के औसत से ज्यादा रिटर्न मिला है। सालाना आधार पर देखें तो किसी किसी भी असेट क्लॉस का रिटर्न अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से ऊपर या नीचे रहता है। इस साल इक्विटी का रिटर्न अपने एवरेज से कम रहा है। ऐसे में इसमें एक बाउंस बैक की उम्मीद बनती है। वहीं, इसी अवधि में सोने ने 40 फीसदी और चांदी ने और भी ज्यादा रिटर्न दिया है। यह रिटर्न लॉन्ग टर्म एवरेज से काफी ज्यादा है। ऐसे में अब यह कुछ हल्का हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि विदेशी निवेशकों ने एक साल में काफी पैसा बाहर निकाला है। इमर्जिंग मार्केट में फंड आया तो भारत को भी फायदा होगा। बड़े बैंकों में ग्रोथ के लिए क्रेडिट ग्रोथ की जरूरत होगी। कुछ समय से बैंकों की डिपॉजिट ग्रोथ अच्छी रही है। IT सेक्टर में AI का तेजी से विस्तार हो रहा है। AI की वजह से लार्जकैप IT को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। तुषार प्रधान का मानना है कि मिडकैप IT में ज्यादा ग्रोथ की संभावना दिख रही है। करेक्शन के बाद मिडकैप IT के वैल्युएशन बेहतर हुए हैं।
तुषार प्रधान का कहना है कि अगले दो क्वार्टर्स में अर्निंग्स में मजबूती आने की संभावना है। इकोनॉमी को जीएसटी में किए गए सुधारों का फायदा मिलेगा। अगर यूएस फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट्स घटाता है तो भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों को वापसी देखने को मिल सकती है। विदेशी निवेशकों की वापसी का लार्जकैप शेयरों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। इस समय इस सेगमेंट का वैल्यूएशन भी अच्छा दिख रह है। अच्छे वैल्यूएशन वाले छोटे-मझोले शेयरों में भी तेजी आ सकती है। हमें इन पर नजर रखनी चाहिए।
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