Stock Market : भारतीय इक्विटी इंडेक्सों लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट देखने को मिली। 11 फरवरी को निफ्टी 23,100 से नीचे बंद हुआ है। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,018.20 अंक या 1.32 फीसदी की गिरावट के साथ 76,293.60 पर और निफ्टी 309.80 अंक या 1.32 फीसदी की गिरावट के साथ 23,071.80 पर बंद हुआ। आज लगभग 516 शेयरों में तेजी आई, 3330 शेयरों में गिरावट आई और 92 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी पर सबसे ज्यादा नुकसान वाले शेयरों में अपोलो हॉस्पिटल्स, आयशर मोटर्स, श्रीराम फाइनेंस, कोल इंडिया और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल रहे। जबकि सबसे ज्यादा लाभ में रहने वालों शोयरों में अडानी एंटरप्राइजेज, ट्रेंट, भारती एयरटेल और ग्रासिम इंडस्ट्रीज शामिल रहे।
ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कैपिटल गुड्स, ऑयल एंड गैस, एनर्जी, एफएमसीजी, हेल्थकेयर, पावर, पीएसयू और रियल्टी में 2-3 फीसदी की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 3 फीसदी की गिरावट आई। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि धीमी शुरुआत के बाद बाजार में मंदड़ियों ने जोरदार वापसी की। आज पूरे बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली। एक समय ऐसा भी आया जब निफ्टी 23,000 के अपने मनोवैज्ञानिक सपोर्ट के नीचे चला गया। लेकिन अंत में ये थोड़ा संभलने में कामयाब रहा और 309.80 अंकों की गिरावट के साथ 23,071.80 पर बंद हुआ। ऑज सभी सेक्टर लाल निशान पर बंद हुए। इनमें भी रियल्टी और मीडिया में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली।
वास्तविक दर्द तो ब्रॉडर मार्केट में देखने को मिला। आज मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली। मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स 3.02 फीसदी और 3.45 फीसदी तक गिर गए। बाजार के लिए तकनीकी ढ़ाचा कमजोर बना हुआ है,हर उछाल पर बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है। ऐसा लग रहा है कि इंडेक्स 22,800 के अपने पिछले सपोर्ट को छूने की ओर बढ़ रहा है। निफ्टी इस स्तर को भीतोड़ता है तो फिर यह 22,600 तक नीचे जा सकता है। ऊपर की ओर 23,240 पर तत्काल रजिस्टेंस दिख रहा है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी और टैरिफ को लेकर जारी अनिश्चितता,घरेलू आर्थिक विकास की चिंताओं और एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली के कारण बाजार का सेंटीमेंट कमजोर हो रहा है। मांग संबंधी चिंताओं और हाई वैल्युएशन के कारण मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में भारी गिरावट आई है। हालांकि आरबीआई के हस्तक्षेप से कल के रिकॉर्ड निचले स्तर से रुपये में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन यह दबाव में बना हुआ है। निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है। निवेशक ट्रेड अनिश्चितता से राहत के लिए पीएम की अमेरिका यात्रा से उम्मीद कर रहे हैं। बजार की नजरें अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों पर भी लगी रहेंगी।
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