Stock Markets: 18 फरवरी को भारतीय इक्विटी इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ 22,950 के करीब बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 29.47 अंक या 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,967.39 पर था और निफ्टी 14.20 अंक या 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,945.30 पर बंद हुआ। लगभग 993 शेयरों में तेजी आई, 2804 शेयरों में गिरावट आई और 101 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं, स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई।
ट्रेंट, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल रहे। जबकि टेक महिंद्रा, विप्रो, ओएनजीसी, पावर ग्रिड और एनटीपीसी में बढ़त देखने को मिली। फार्मा, एफएमसीजी, मीडिया, पीएसयू बैंक, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में 0.5-1 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि आईटी, पावर, ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 0.5-0.5 प्रतिशत की बढ़त रही।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि विदेशी फंडों की बढ़ती निकासी और रुपये में गिरावट के बीच निवेशकों के बीच सतर्कता की भावना देखने को मिल रही है। इसके कारण सुस्त कारोबारी सत्र में बाजार थोड़ा नीचे बंद हुआ। आईटी, बिजली, तेल और गैस तथा मेटल शेयरों में बढ़त ने बाजार को अपने लगभग सभी नुकसानों की भरपाई करने में मदद की। हालांकि, महंगे वैल्यूशन की चिंताओं और खराब नतीजों के चलते स्मॉल कैप शेयरों की पिटाई जारी रही।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि बाजार में मिलाजुला प्रदर्शन देखने को मिला। निफ्टी के लिए 22,800 के सपोर्ट लेवल ने एक बार फिर अपनी मजबूती साबित की। सुस्त शुरुआत के बाद, इंडेक्स में आज गिरावट देखने को मिली। मुख्य रूप से मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में कमजोरी के कारण हुई बाजार दबाव में रहा। निफ्टी ने आज नीचे की तरफ 22,800 के स्तर के फिर से छुआ। हालांकि,कारोबारी सत्र मध्य के बाद इंडेक्स ने निचले स्तरों से उबरना शुरू कर दिया और अंततः 14.20 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 22,945.30 पर बंद हुआ।
सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो आईटी और एनर्जी सेक्टर में सबसे ज्यादा तेजी रही। जबकि एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर में 0.60 फीसदी से अधिक का करेक्शन देखने के मिला। ब्रॉडर मार्केट में,मिडकैप ने बेंचमार्क इंडेक्स के अनुरूप ही प्रदर्शन किया, जबकि स्मॉलकैप ने 1.50 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ खराब प्रदर्शन किया। अब जब तक निफ्टी 22,800-23,100 की रेंज के भीतर रहेगा,तब तक साइडवेज ट्रेडिंग जारी रहने की उम्मीद है। बाजार की दिशा साफ होने के लिए इस रेंज के किसी भी ओर ब्रेकआउट की जरूरत है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि FII की लगातार जारी बिकवाली और रुपये पर दबाव की चिंताओं के बीच घरेलू बाजार में मुनाफावसूली और निचले स्तर पर गिरावट दोनों देखने को मिली। प्रीमियम वैल्यूएशन को लेकर आशंकाओं के कारण छोटे-मझोले शेयरों में गिरावट जारी है। इस बीच, घरेलू करेंसी में गिरावट और कमोडिटी की कीमतों में उछाल के कारण आयात खर्च में बढ़त हुई है। इससे भारत का व्यापार घाटा उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। वर्तमान में निवेशक शेयर कीमतों में भारी गिरावट के कारण सौदेबाजी के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन कंपनियों की अर्निंग्स में कमजोरी और ग्लोबल अनिश्चितताएं बाजार की गति को बाधित कर रही हैं।
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