Share market : 8 अक्टूबर को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी 25,050 के नीचे बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 153.09 अंक या 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,773.66 पर और निफ्टी 62.15 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,046.15 पर बंद हुआ। लगभग 1697 शेयरों में तेजी रही, 2297 शेयरों में गिरावट देखने को मिली। वहीं, 138 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.7 फीसदी और स्मॉलकैप सूचकांक में 0.4 फीसदी की गिरावट आई।
आज कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और आईटी को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टरों के इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। रियल्टी, टेलीकॉम, फार्मा, तेल एवं गैस, मीडिया, पीएसयू बैंक और ऑटो इंडेक्स 0.3-2 फीसदी नीचे बंद हुए। निफ्टी पर टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, जियो फाइनेंशियल, ओएनजीसी और ट्रेंट सबसे ज्यादा नुकसान वाले शेयरों में रहे। जबकि टाइटन कंपनी, इंफोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा और मैक्स हेल्थकेयर आज निफ्टी के टॉप गेनरों में रहे।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि आज बेंचमार्क इंडेक्सों में उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिला। तेज़ उछाल के बाद मुनाफ़ा वसूली देखने को मिली। दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले निवेशक सतर्कता नजर आ रहे हैं। बाजार की नजर वैल्यूएशन और ग्रोथ की संभावनाओं पर बनी हुई। सेक्टोरल इंडेक्सों के रुझान मिले-जुले रहे। मांग में मजबूती और अच्छे वैल्यूएशन के कारण आईटी शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया,जबकि ऑटो, बैंकिंग और एफएमसीजी शेयरों पर मुनाफ़ाखोरी का दबाव रहा।
बढ़ती ग्लोबल अनिश्चितताओं और अमेरिकी शटडाउन ने सोने को ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। बाजार में जोखिम से बचने के बढ़ते ट्रेंड का फायदा सोने को मिला है। अब बाजार का फोकस यूएस फेड के सितंबर के FOMC मिनट्स पर है, इससे उसकी आगे की नीतियों का अंदाजा लगाया जा सकेगा। बाजार की आगे की दिशा तय करने में ग्लोबल इवेंट्स की अहम भूमिका होगी। इसके अलावा दूसरी तिमाही के नतीजों, मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़ों और त्योहारी सीजन पर भी बाजार की नजर रहेगी।
बोनान्ज़ा के रिसर्च एनालिस्ट अभिनव तिवारी का कहना है कि कमजोर ग्लोबल संकेतों और कुछ सेक्टरों में आई कमजोरी के चलते बाजार आज गिरावट के साथ बंद हुए। बढ़ती महंगाई और जियोपोलिटिकल तनाव के बीच बाजार की नजर अब कंपनियों के नतीजों पर रहेगी। बाजार में तेजी के रुझान के साथ सतर्कता बनाए रखने का माहौल है। इस माहौल में आगे हमें मजबूत फंडामेंटल्स और विकास की संभावना वाले आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और फाइनेंसियल जैसे सेक्टरों में तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं, रियल्टी और पीएसयू बैंकों जैसे कमजोर सेक्टरों से दूर रहने की सलाह होगी।
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