Stock markets: भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स 1 अप्रैल को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए और निफ्टी 23200 से नीचे चला गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,390.41 अंक या 1.80 फीसदी की गिरावट के साथ 76,024.51 पर और निफ्टी 353.65 अंक या 1.50 फीसदी की गिरावट के साथ 23,165.70 पर बंद हुआ। आज लगभग 2651 शेयरों में तेजी आई, 1230 शेयरों में गिरावट आई और 144 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक, श्रीराम फाइनेंस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निफ्टी के टॉप लूजरों में रहे। जबकि इंडसइंड बैंक, ट्रेंट, बजाज ऑटो, जियो फाइनेंशियल और एचडीएफसी लाइफ निफ्टी के टॉप गेनरों में रहे। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1 फीसदी की गिरावट रही तथा स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ।
मीडिया (2 फीसदी ऊपर), तेल एवं गैस (0.6 फीसदी ऊपर) और टेलीकॉम (2 फीसदी ऊपर) को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। आईटी, रियल्टी, कंज्यूमर ड्युरेबल्स 2-3 फीसदी नीचे बंद हुए।
एंजेल वन के समीत चव्हाण का कहना है कि 23,700 और 23,800 के बीच की रेंज निफ्टी के लिए एक बड़ी दीवार बनी हुई है। इस रेजिस्टेंस लेवल को पार करने में निर्णायक सफलता तेजी की भावना को बढ़ा सकती है। ऐसे में निफ्टी 24,000 के अहम स्तर को फिर से हासिल करता दिख सकता है। अगर ऐसा होता है तो आगे और भी बढ़त की संभावना है। निफ्टी 200-DSMA की ओर बढ़ सकता है जो वर्तमान में 24,080 के आसपास स्थित है।
उन्होंने आगे कहा की घरेलू बाजार के लिए आगे की संभावना अच्छी नजर आ रही है। हालांकि,ग्लोबल स्तर पर होने वाली घटनाओं पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है। लंबे वीकेंड और टैरिफ के लेकर चल रही अनिश्चितताओं को देखते हुए विशेष सतर्कता की जरूरत है। ये कारक आने वाले दिनों में बाजार की दशा और दिशा पर बड़ा असर डाल सकते हैं।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि बुधवार से आयातित वस्तुओं पर ट्रंप द्वारा रिसीप्रोकल टैरिफ लगाए जाने की शुरुआत से पहले निवेशकों ने अपने इक्विटी बाजार में सतर्कता बरती है। ट्रंप द्वारा रिसीप्रोकल टैरिफ लगाए जाने के निर्णय से भारत को अमेरिका पर कई वर्षों से प्राप्त बढ़त पर असर पड़ने की उम्मीद है। आज घरेलू बाजारों ने दुनिया के दूसरे बाजरों की तुलना में खराब प्रदर्शन किया क्योंकि निवेशकों को डर है कि यूएस टैरिफ लागू होने से मार्केट सेंटीमेंट को ठेस पहुंच सकती है और आगे गिरावट बढ़ सकती है।
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