Stock market : तेज शुरुआत के बाद बाजार में मुनाफावसूली हावी हो गई। 4 सितंबर को सेंसेक्स-निफ्टी ऊपरी स्तर से फिसलकर बंद हुए हैं। निफ्टी बैंक की फ्लैट क्लोजिंग हुई है। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स गिरावट पर बंद हुए हैं। डिफेंस, PSE और एनर्जी शेयरों में बिकवाली देखने को मिली है। IT, रियल्टी और मेटल इंडेक्स गिरावट पर बंद हुए हैं। ऑटो और FMCG इंडेक्स बढ़त पर बंद हुए हैं। सेंसेक्स 150 प्वाइंट चढ़कर 80,718 पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 19 प्वाइंट चढ़कर 24,734 पर बंद हुआ है। निफ्टी बैंक 8 प्वाइंट चढ़कर 54,075 पर बंद हुआ है। मिडकैप 386 प्वाइंट गिरकर 56,959 पर बंद हुआ है।
निफ्टी के 50 में से 31 शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में गिरावट रही है। निफ्टी बैंक के 12 में से 9 शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे कमजोर होकर 88.15 के स्तर पर बंद हुआ है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि जीएसटी 2.0 रिफॉर्म से खपत-आधारित ग्रोथ की संभावना को मजबूती मिली है। इसका सबसे ज़्यादा फ़ायदा ऑटो और कंज्यूमर गुड्स को मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण इकोनॉमी से जुड़े चुनिंदा मेटल और इंफ्रा शेयर भी फोकस में रहेंगे। हालांकि, बाजार पर ग्लोबल मैक्रो स्थितियों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख और अमेरिकी टैरिफ़ संबंधी चुनौतियों का असर देखने को मिलेगा। शॉर्ट टर्म में बाजार में कंसोलीडेशन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में रिस्क-रिवॉर्ड पर नजर रखते हुए बुनियादी रूप से मजबूत थीम वाले चुनिंदा शेयरों पर नजर रखने की सलाह होगी।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के वी.के. विजयकुमार ने कहा कि पहले से ही मजबूत गति में चल रही अर्थव्यवस्था में खपत को मिलने वाला बूस्ट सोने में सुहागे का काम कर सकता है। बाजार में तेजी आ सकती है। पहले दिए गए फिस्कल और मॉनीटरी प्रोत्साहन के साथ मिल कर जीएसटी में किया गया यह सुधार तेजी का नया साइकिल शुरू कर सकता है। कॉर्पोरेट अर्निंग में अच्छी बढ़त के चलते भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2026 में 6.5 फीसदी और शायद वित्त वर्ष 2027 में 7 फीसदी तक रह सकता है। हालांकि,टैरिफ के मुद्दे बाजार को परेशान करते रहेंगे।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा भारतीय शेयर बाजार प्रस्तावित जीएसटी सुधारों को लेकर खुश है। इन सुधारों के तहत कर स्लैब को 5% और 18% में बांटा जाएगा। 12% और 28% की दरों वाले स्लैब को इनमें मर्ज कर दिया जाएगा। सरकार के इस कदम के चलते त्योहारी सीज़न से पहले उपभोक्ता मांग में तेज़ी आने की उम्मीद है, जिसका फ़ायदा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटोमोबाइल और FMCG जैसे सेक्टरों को होगा। हालांकि, इन सेक्टरों के शेयरों में पहले ही तेज़ी आ चुकी है।
कर कटौती से खपत-आधारित ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है,लेकिन इसकी सफलता कंपनियों द्वारा अपनी बचत का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने पर निर्भर करता है। बाजार की नजर सरकार की आय और ब्रॉडर इकोनॉमी पर जीएसटी कटौती के पड़ने वाले असर पर बनी रहेगी। तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी 24,350-24,500 के दायरे में डबल बॉटम बना रहा है। 24,770 के रेजिस्टेंस को तोड़ने पर निफ्टी में 25,000 का टारगेट हासिल हो सकता है। इस स्तर से ऊपर बंद होने पर निफ्टी में नई तेजी देखने को मिल सकती है।
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