Market Outlook : लाल निशान में बंद हुआ बाजार, जानिए 21 जुलाई को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Market today : बोनान्ज़ा के रिसर्च एनालिस्ट वैभव विदवानी का कहना है कि आज, भारतीय बाजार लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी-50 लगभग 0.57% (143 अंक) की गिरावट के साथ 24,968 पर बंद हुआ। बिकवाली के बड़े दबाव के बाद निफ्टी 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से और नीचे चला गया

अपडेटेड Jul 18, 2025 पर 4:37 PM
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एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचालकर ने कहा कि निफ्टी के लिए 25,000 एक अहम सपोर्ट स्तर है, जबकि 25,340 तत्काल रेजिस्टेंस के रूप में कार्य कर सकता है

Stock market : भारतीय इक्विटी इंडेक्स 18 जुलाई को लाल निशान में बंद हुए हैं। निफ्टी आज 25,000 से नीचे चला गया है। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 501.51 अंक या 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 81,757.73 पर और निफ्टी 143.05 अंक या 0.57 फीसदी की गिरावट के साथ 24,968.40 पर बंद हुआ। लगभग 1619 शेयरों में तेजी, 2265 शेयरों में गिरावट और 153 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी में सबसे ज्यादा घाटे में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, श्रीराम फाइनेंस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एचडीएफसी लाइफ और भारती एयरटेल शामिल रहे। जबकि विप्रो, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, ओएनजीसी और नेस्ले इंडिया में सबसे ज्यादा तेजी दिखी।

मीडिया और मेटल को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। फार्मा, प्राइवेट बैंक, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, कैपिटल गुड्स , कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और टेलीकॉम 0.5-1 फीसदी नीचे बंद हुए हैं। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सो में 0.6 फीसदी की गिरावट आई है।

बोनान्ज़ा के रिसर्च एनालिस्ट वैभव विदवानी का कहना है कि आज, भारतीय बाजार लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी-50 लगभग 0.57% (143 अंक) की गिरावट के साथ 24,968 पर बंद हुआ। बिकवाली के बड़े दबाव के बाद निफ्टी 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से और नीचे चला गया। बीएसई सेंसेक्स भी लगभग 501 अंक गिरकर 81,757 के करीब बंद हुआ। पहली तिमाही के कमजोर नतीजों ने बाजार पर दबाव बनाया। विशेष रूप से एक्सिस बैंक के नतीजों ने बाजार का मूड खराब कर दिया। बैंक के वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के प्रदर्शन ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। इसके चलते एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित तमाम फाइनेंशियल शेयरों पर दबाव बना।

पिछले महीनों में हुए ज़बरदस्त निवेश के बाद, जुलाई में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने नेट बिकवाली की, जिससे ग्लोबल जोखिम से बचने के बढ़ती ट्रेंड और सेंटीमेंट में बदलाव का संकेत मिला। इसके अलावा, सिटी (CITI) द्वारा भारत की इक्विटी रेटिंग को "ओवरवेट" से घटाकर "न्यूट्रल" करने से भी भरोसा और कम हुआ है।

ग्लोबल अनिश्चितताओं, विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के बारे में अस्पष्ट संकेतों और इराक में मुश्किल के बाद कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने एक तेल आयातक देश भारत की महंगाई और इनपुट लागत से जुड़ी चिंताओं को बढ़ा दिया है।


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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रेटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा कि निफ्टी की गिरावट 25,120-25,090 जोन तक पहुंच गई, जो एक अहम सपोर्ट स्तर है। जेम्स ने आगे कहा कि 24,920 से नीचे की गिरावट आगे और गिरावट का रास्ता खोल सकती है। ऊपर की ओर, सूचकांक को 25,150-25,265 के आसपास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।

बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचालकर ने कहा कि निफ्टी के लिए 25,000 एक अहम सपोर्ट स्तर है, जबकि 25,340 तत्काल रेजिस्टेंस के रूप में कार्य कर सकता है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च हेड देवर्ष वकील ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में अमेरिका के साथ ट्रेड डील को अंतिम रूप देने में कोई भी प्रगति होती है तो बाजार में व्याप्त अनिश्चितता कम हो सकती है और इंडेक्स नई तेजी पकड़ सकते हैं।

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