Market outlook : गिरावट के साथ बंद हुए Sensex-Nifty, जानिए 21 फरवरी को कैसी रह सकती है इनकी चाल

Market trend: नतीजों का मौसम खत्म हो चुका है। इसलिए अब नतीजों के कारण होने वाली कोई भी वोलैटिलिटी समाप्त हो चुकी है। इसके अलावा,ट्रंप की अधिकांश नीतिगत घोषणाओं को बाजार ने पहले ही पचा लिया लिया गया है। बाजार यह मानकर चल रहा है कि आगामी चौथी तिमाही के नतीजों भी काफी हद तक सुस्त ही रहेंगे

अपडेटेड Feb 20, 2025 पर 4:08 PM
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Market Outlook : एक्सपर्ट्स की राय है कि जब तक विदेशी संस्थागत निवेशक कम से कम वीकली बेसिस पर नेट बायर नहीं बनते या उनकी बिकवाली कमी नहीं आती, तब तक बाजार दायरे में ही घूमता दिखेगा।

Stock market : भारतीय बाजार 20 फरवरी को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। आज निफ्टी 22,900 के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा। आईटी और बैंकों को छोड़कर सभी सेक्टरों में बिकवाली देखने को मिली। ब्रॉडर इंडेक्सों में खरीदारी ने भी इंट्राडे नुकसान की भरपाई करने में मदद की। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 203.22 अंक या 0.27 फीसदी की गिरावट के साथ 75,735.96 पर और निफ्टी 19.75 अंक या 0.09 फीसदी की गिरावट के साथ 22,913.15 पर बंद हुआ।

एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और टाटा कंज्यूमर निफ्टी के टॉप लूजरों में रहे। जबकि श्रीराम फाइनेंस, एनटीपीसी, अदानी पोर्ट्स, एमएंडएम, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 1-1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।

टॉरस कॉरपोरेट एडवाइजरी सर्विसेज के रिसर्च एनालिस्ट अमीश शाह ने कहा कि नतीजों का मौसम खत्म हो चुका है। इसलिए अब नतीजों के कारण होने वाली कोई भी वोलैटिलिटी समाप्त हो चुकी है। इसके अलावा,ट्रंप की अधिकांश नीतिगत घोषणाओं को बाजार ने पहले हीपचा लिया लिया गया है। ऐसे में बाजार के लिए कोई नया ट्रिगर या चिंता नहीं है जो सेंटीमेंट को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सके।


उन्होंने आगे कहा ​​कि बाजार यह मानकर चल रहा है कि आगामी चौथी तिमाही के नतीजों भी काफी हद तक सुस्त ही रहेंगे। नतीजतन बाजार में उतार-चढ़ाव कम हुआ है और इंडेक्स एक दायरे के भीतर चल रहे हैं। इस रेंज बाउंड एक्शन की अवधि अनिश्चित है। जब तक विदेशी संस्थागत निवेशक कम से कम वीकली बेसिस पर नेट बायर नहीं बनते या उनकी बिकवाली कमी नहीं आती, तब तक बाजार दायरे में ही घूमता दिखेगा।

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शाह ने आगे कहा कि वह यह माना जाने लगा है कि भारत में आर्थिक मंदी है। कॉर्पोरेट आय भी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। अगर मैक्रे जोखिम बढ़ते हैं तो मिड और स्मॉलकैप शेयरों को ज्यादा दबाव का समाना करना पड़ेगा। तकनीकी रूप से देखें तो निफ्टी के लिए 22,800-22,700 के आसपास सपोर्ट दिख रहा है लेकिन इन स्तरों की डेली बेसिस पर जांच करते रहने की जरूरत क्योंकि निवेशक बाजार में एक मजबूत बॉटम की तलाश जारी रखे हुए हैं।

फिडेंट एसेट मैनेजमेंट की संस्थापक एवं सीआईओ ऐश्वर्या दाधीच ने कहा,"मुझे लगता है कि स्मॉल कैप में सीमित गिरावट देखने को मिलेगी, जबकि मिड कैप में एफआईआई के ज्यादा निवेश और वैल्यूएशन संबंधी चिंताओं के कारण थोड़ा अधिक दबाव देखने को मिल सकता है।"

 

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